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नई दिल्ली, 24 सितंबर (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता और उसके परिवार को मिली सीआरपीएफ की सुरक्षा वापस लेने की केंद्र सरकार की मांग पर दुष्कर्म पीड़िता और उसके परिवार के सदस्यों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
उन्नाव की दुष्कर्म पीड़िता ने तत्कालीन भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर पर 4 जून, 2017 को दुष्कर्म का आरोप लगाया था। उसके बाद कुलदीप सेंगर के भाई अतुल सिंह और उसके साथियों ने पीड़िता के पिता को बुरी तरह पीटने के बाद पुलिस को सौंप दिया था। दुष्कर्म पीड़िता के पिता को जेल में शिफ्ट करने के कुछ ही घंटों बाद 9 अप्रैल, 2018 को जिला अस्पताल में उनकी मौत हो गई थी। इस मामले में पीड़िता तथा अन्य की जान को खतरा होने पर सुप्रीम कोर्ट ने एक अगस्त, 2019 को दुष्कर्म पीड़िता, उसकी मां और परिवार के अन्य सदस्यों और उनके वकील को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) से सुरक्षा मुहैया कराने का आदेश दिया था। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार के वकील ने कहा कि पीड़िता और उसके परिवार के सदस्यों पर खतरे के आकलन के अनुसार सुरक्षा की आवश्यकता नहीं है।
इस मामले में 20 दिसंबर, 2019 को तीस हजारी कोर्ट ने सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने उम्रकैद के अलावा 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था।कोर्ट ने जुर्माने की इस रकम में से 10 लाख रुपये पीड़िता को देने का आदेश दिया था। तीस हजारी कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ भी कुलदीप सिंह सेंगर ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की है।
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हिन्दुस्थान समाचार / वीरेन्द्र सिंह