भ्रष्टाचार मुक्त पारदर्शी प्रशासन के संकल्प के विकसित भारत की यात्रा आरंभ
रमेश शर्मा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने 71 मंत्रिमंडलीय सहयोगियों के साथ तीसरी बार सरकार की यात
ramesh sharma   


रमेश शर्मा

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने 71 मंत्रिमंडलीय सहयोगियों के साथ तीसरी बार सरकार की यात्रा आरंभ की । सर्वाधिक आठ मंत्री उत्तर प्रदेश और पांच मंत्री मध्य प्रदेश से लिए गए हैं। मंत्रिमंडल के स्वरूप से लगता है कि मोदी सरकार अपने तीसरे कार्यकाल में मंत्रियों को उनके विभागों और कार्यों का लक्ष्य दिया जायेगा जिससे भ्रष्टाचार मुक्त पारदर्शी प्रशासन और विकसित भारत के संकल्प को पूरा किया जा सके । मोदी सरकार में इस बार 30 कैबिनेट और 36 राज्यमंत्री बनाए गए हैं। पांच राज्यमंत्रियों ने स्वतंत्र प्रभार मंत्री के रूप में शपथ ली । इसमें देश के 24 राज्यों का प्रतिनिधित्व है ।

सामाजिक समूहों की दृष्टि से 27 ओबीसी, 10 एससी, 5 एसटी और पाँच अल्पसंख्यक हैं । वरिष्ठ मंत्रियों में पांच ऐसे हैं जो अपने अपने राज्यों में मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। इन कुल 71 मंत्रियों ग्यारह मंत्री सहयोगी दलों से लिए गए हैं। शेष सभी भाजपा से हैं। सहयोगी दलों के मंत्रियों में तीन सदस्य आंध्र से चन्द्रबाबू नायडू की तेलगू देशम पार्टी से और दो मंत्री बिहार से नीतीश कुमार की जेडीयू लिए गए हैं। पहले माना जा रहा था कि मोदी सरकार तेलगू देशम और जेडीयू के कुछ दबाव में रहेगी पर मंत्रिमंडल के स्वरूप में किसी दबाव की झलक नहीं दिखती। इसकी झलक एनडीए संसदीय दल की बैठक में तो मिली थी और इसकी पुष्टि इन दलों को मंत्रिमंडल में मिले स्थान से भी हुई ।

इससे स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी सरकार की जो प्राथमिकताएं निर्धारित की थीं वह उनपर दृढ़ता से आगे बढ़ेगी। इनमें सबसे प्रमुख ज्ञान का सम्मान अर्थात गरीब,युवा, किसान और महिलाओं की समृद्धि को प्राथमिकता देना, भ्रष्टाचार मुक्त और पारदर्शी प्रशासन की दिशा में आगे बढ़ना शामिल है । मंत्रिमंडल के इस स्वरूप से स्पष्ट है कि भले विपक्ष के हमले तेज हों पर भ्रष्टाचार मुक्ति के लिए ईडी, इनकम टैक्स आदि की कार्रवाई में कमी होने की संभावना नहीं लगती। एनडीए विशेषकर भाजपा को उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, महाराष्ट्र में सीटों और वोटों का नुकसान हुआ है । इसकी भरपाई के लिए मंत्रियों को परिणाम मूलक रिजल्ट ओरिएंटेड लक्ष्य दिए जा सकते हैं। कम से कम उत्तर प्रदेश और राजस्थान से जो चेहरे लिए गए हैं उनसे यही झलक मिलती है ।

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को भी मंत्री बनाया गया है । इससे संकेत है कि भाजपा में राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए कोई नया चेहरा आएगा । इसके अतिरिक्त निर्मला सीतारमण ने भी शपथ ली । उन्होंने लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा था। इसलिए उन्हें किसी प्रांत से राज्यसभा में लिया जाएगा । मध्य प्रदेश से कुल पांच मंत्री लिए गए हैं। इनमें तीन कैबिनेट और दो राज्यमंत्री हैं। पिछले मंत्रिमंडल में भी मध्य प्रदेश से पांच मंत्री थे । इसबार भाजपा ने मध्य प्रदेश की की सभी 29 लोकसभा सीटें जीतीं हैं। इससे उम्मीद की जा रही थी की इसबार एकाध स्थान अधिक मिलेगा । लेकिन पांच ही स्थान मिले । पिछले कार्यकाल में केन्द्रीय मंत्री रहे नरेन्द्र सिंह तौमर और प्रह्लाद पटेल राज्य की राजनीति में और फग्गन सिंह कुलस्ते को इस बार अवसर नहीं मिला ।

मध्य प्रदेश से जो तीन नए चेहरे कैबिनेट में आए उनमें पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है । उन्हें वरिष्ठता में पांचवा स्थान मिला है । जबकि राज्यमंत्री के रूप में लिए गए दोनों चेहरे नए हैं। एक उर्मिला ठाकुर और श्री दुर्गादास उइके पहली बार संसद में पहुंचे हैं । मध्य प्रदेश के पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ की कुल ग्यारह में से भाजपा ने दस सीटें जीतीं हैं लेकिन वहां से केवल एक नए तोखन साहू को राज्य मंत्री बनाया गया है । भारतीय जनता पार्टी ने टिकट वितरण में कुछ नए प्रयोग किए । वैसा प्रयोग मंत्रिमंडल में भी है । मंत्रियों का चयन भाजपा से हो या अन्य दलों से उनके चयन में किसी भी प्रकार के दबाव की झलक नहीं मिलती।

(लेखक, वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तम्भकार हैं)

हिन्दुस्थान समाचार/ मयंक

/मुकुंद