हाईकोर्ट ने सड़कों के चौड़ीकरण में पेड़ों की कटाई पर शासन से फिर मांगी रिपोर्ट
--महाकुम्भ को लेकर वन विभाग की 1 लाख 49 हजार पेड़ लगाने की है योजना प्रयागराज, 02 मई (हि.स.)। प्रया
इलाहाबाद हाईकोर्ट


--महाकुम्भ को लेकर वन विभाग की 1 लाख 49 हजार पेड़ लगाने की है योजना

प्रयागराज, 02 मई (हि.स.)। प्रयागराज में महाकुम्भ 2025 को लेकर सड़कों के चौड़ीकरण करने में काटे जा रहे पेड़ों को रोकने को लेकर दखिल जनहित याचिका पर आज प्रदेश सरकार की तरफ से हाईकोर्ट को बताया गया कि जितने भी पेड़ काटे जाएंगे उससे दस गुना पौधरोपण सरकार द्वारा किया जाएगा।

सरकार की तरफ से बताया गया कि महाकुम्भ को लेकर प्रयागराज शहर में एक लाख 49 हजार पौधों को लगाने की योजना है। यह काम वन विभाग की तरफ से होना है और इसके लिए कुम्भ के बजट में प्रावधान किया गया है।

इस जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार से इस सम्बंध में विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। कोर्ट ने जानना चाहा है कि सरकार एवं उसके विभागों की क्या योजना है। क्या पेड़ों को बचाने की कोई योजना है। हाईकोर्ट इस मामले पर पुनः शुक्रवार को सुनवाई करेगी।

यह आदेश चीफ जस्टिस अरुण भंसाली एवं जस्टिस विकास बुधवार की खंडपीठ ने हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के सचिव नितिन शर्मा की तरफ से दाखिल एक जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद पारित किया। याचिका पर बहस करते हुए कोर्ट को बताया गया कि प्रयागराज में कुम्भ के नाम पर शहर में सड़कों का चौड़ीकरण किया जा रहा है। चौड़ीकरण के नाम पर 50 साल के पुराने घने वृक्षों को काटा जा रहा है। वृक्षों को काटने से गर्मी के मौसम में लोगों के स्वास्थ्य पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा तथा आक्सीजन की कमी होगी। कहा गया कि विकास के नाम पर पेड़ों की कटाई गलत है। सरकार को पेड़ों को अगर काटना बहुत जरूरी है तो उसे वहां से हटाकर पास में ही कहीं स्थापित करें। परंतु ऐसा न करना हाईकोर्ट द्वारा पारित पूर्व आदेशों की अवहेलना है।

हिन्दुस्थान समाचार/आर.एन/सियाराम