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नई दिल्ली, 16 मई (हि.स.) । सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसले में साफ किया है कि अगर मनी लॉन्ड्रिंग केस में आरोपित किसी शख्स को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जांच के दौरान गिरफ्तार नहीं किया है और स्पेशल कोर्ट चार्जशीट पर संज्ञान लेकर उसे समन जारी करता है तो उसे कोर्ट में पेश होने के बाद मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत जमानत की दोहरी शर्त को पूरा करने की जरूरत नहीं होगी।
लॉन्ड्रिंग कानून की धारा 45 में जमानत की दोहरी शर्त का प्रावधान है, जिसके चलते आरोपित को जमानत मिलना मुश्किल हो जाता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ऐसी सूरत में अगर ईडी को उस आरोपित की हिरासत चाहिए तो उन्हें कोर्ट से ही हिरासत की मांग करनी होगी। कोर्ट आरोपित की हिरासत ईडी तभी को देगा जब एजेंसी के पास पूछताछ की जरूरत को साबित करने के लिए पुख्ता कारण होंगे।
हिन्दुस्थान समाचार/संजय/मुकुंद