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चेन्नई (तमिलनाडु) , 30 अप्रैल (हि.स.)। मद्रास उच्च न्यायालय ने मंगलवार को राज्य सरकार को गर्मियों के दौरान नीलगिरी और कोडाइकनाल में पर्यटकों को ले जाने वाले वाहनों को अनुमति देने के लिए ई-पास प्रणाली शुरू करने का आदेश दिया। इस कदम का उद्देश्य हिल स्टेशनों पर यातायात को विनियमित करना है, जहां अप्रैल, मई और जून में पर्यटकों की भारी भीड़ देखी जाती है और इन स्थानों की वहन क्षमता पर व्यापक अध्ययन किया जा सके।
वन संबंधी मामलों से निपटने वाली एक विशेष खंडपीठ जिसमें न्यायमूर्ति एन सतीश कुमार और न्यायमूर्ति डी भरत चक्रवर्ती शामिल थे, ने वन मामलों से संबंधित याचिकाओं के एक समूह की सुनवाई करते हुए आदेश पारित किए। पीठ ने नीलगिरी और डिंडीगुल के जिला कलेक्टरों को यातायात को विनियमित करने और हाथियों की आवाजाही में गड़बड़ी से बचने के लिए 7 मई से 30 जून तक ई-पास प्रणाली लागू करने का निर्देश दिया।
ई-पास कोविड लॉकडाउन के दौरान जारी किए गए की तर्ज पर होगा और बिना किसी सीमा के जारी किया जा सकता है। पीठ ने कहा, जिला कलेक्टर यह सुनिश्चित करेंगे कि आगंतुक अपने वाहन, व्यक्तियों की संख्या और ठहरने के दिनों की संख्या का विवरण प्रस्तुत करें। हालाँकि, स्थानीय निवासियों को पास प्रणाली से छूट दी जानी चाहिए। पीठ ने सरकारी अधिकारियों को पर्यटकों के बीच जागरूकता फैलाने के लिए देश भर में इस प्रणाली का व्यापक प्रचार करने का भी आदेश दिया।
हिन्दुस्थान समाचार/ डॉ आर. बी. चौधरी/प्रभात