एम्स-मदुरै को तमिलनाडु के राज्य मूल्यांकन पैनल से मिली पर्यावरण संबंधी मंजूरी
चेन्नई (तमिलनाडु), 14 मई (हि.स.)। राज्य विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति (एसईएसी) ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञा
एम्स-मदुरै को तमिलनाडु के राज्य मूल्यांकन पैनल से मिली पर्यावरण संबंधी मंजूरी


चेन्नई (तमिलनाडु), 14 मई (हि.स.)। राज्य विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति (एसईएसी) ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) मदुरै के निर्माण के लिए पर्यावरण मंजूरी दे दी है। 222.47 एकड़ के कुल भूखंड क्षेत्र पर निर्मित क्षेत्र 2,31,782 वर्ग मीटर होगा। 10 मई को आयोजित अपनी 466वीं बैठक में एसईएसी ने शर्तों के साथ पर्यावरण मंजूरी की सिफारिश की, जिसमें हरित भवन मानदंडों का अनुपालन और न्यूनतम आईजीबीसी गोल्ड रेटिंग प्राप्त करना शामिल था।

परियोजना प्रस्तावक को अस्पताल, कैंटीन और रसोई में उपयोग के लिए जैविक कचरे को बायोगैस में बदलने के लिए बायो-डाइजेस्टर स्थापित करने और बनाए रखने की आवश्यकता है। इसके अतिरिक्त, समिति ने प्रस्तावक को शिवकाशी और विरुधुनगर के आतिशबाज़ी-निर्माण क्षेत्रों के लिए 24x7 आधार पर विशेष देखभाल प्रदान करने के लिए एक उन्नत बर्न्स लाइफ सपोर्ट सेंटर स्थापित करने का निर्देश दिया।

बैठक में यह कहा गया कि परियोजना को शून्य-तरल निर्वहन नीति का पालन करना होगा और जैव-चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन नियमों का पालन करना होगा। एसईएसी ने छत क्षेत्र के 50 प्रतिशत हिस्से पर सौर ऊर्जा के उपयोग और सौर वॉटर हीटर के साथ गर्म पानी की आवश्यकता की आंशिक पूर्ति को भी अनिवार्य कर दिया है। परियोजना प्रस्तावक को जमीनी स्तर की आवश्यकताओं के अनुसार पर्याप्त इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग पॉइंट प्रदान करने का भी निर्देश दिया गया है। थोप्पुर में प्रस्तावित एम्स मदुरै में एक अस्पताल, ट्रॉमा सेंटर सुविधाएं, मेडिकल कॉलेज, आवासीय परिसर, छात्र छात्रावास और संबद्ध सुविधाओं का निर्माण शामिल होगा। रोगी बिस्तर की क्षमता 900 होगी।

इस परियोजना को जापान अंतरराष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (जेआईसीए) द्वारा अपने आधिकारिक विकास सहायता (ओडीए) ऋण के माध्यम से वित्त पोषित किया गया है। परियोजना की संशोधित अनुमानित लागत 1,978 करोड़ रुपये हैं, जिसमें 1,621 करोड़ रुपये जेआईसीए ऋण और शेष बजटीय सहायता के माध्यम से शामिल हैं। 26 मार्च, 2021 को एक ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने थोप्पुर में नए एम्स की स्थापना का प्रस्ताव दिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 27 जवरी, 2019 को इस परियोजना की आधारशिला रखी थी, लेकिन प्रारंभिक निर्माण कार्य इस साल मार्च में ही शुरू हुआ।

हिन्दुस्थान समाचार/डॉ आर.बी. चौधरी/आकाश