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चेन्नई (तमिलनाडु) , 17 अप्रैल (हि.स.)। राज्य सरकार ने मद्रास हाई कोर्ट को सूचित किया है कि रोजगार और शिक्षा में ट्रांसजेंडर के लिए आरक्षण प्रदान करने के संबंध में चुनाव आदर्श आचार संहिता हटने के तीन महीने के भीतर ट्रांसजेंडर सर्वेक्षण पूरा किया जाएगा।
मुख्य न्यायाधीश एसवी गंगापुरवाला और न्यायमूर्ति जे सत्य नारायण प्रसाद की पहली पीठ ने ग्रेस बानू गणेशन द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की, जिसमें सरकार को ट्रांसजेंडर और इंटरसेक्स व्यक्तियों के लिए आरक्षण नीति बनाने और लागू करने का निर्देश दिया गया था।
राज्य सरकार ने प्रस्तुत किया कि ट्रांसजेंडर सर्वेक्षण करने के लिए कदम उठाए गए हैं। राज्य ने कहा, चूंकि चुनाव आदर्श आचार संहिता लागू हो गई, इसलिए प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकी। आदर्श आचार संहिता हटने के बाद सर्वेक्षण तीन महीने के भीतर पूरा किया जाएगा।
इसके बाद पीठ ने राज्य को सर्वेक्षण रिपोर्ट के आधार पर ट्रांसजेंडर के लिए आरक्षण प्रदान करने के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया और मामले को आगे प्रस्तुत करने के लिए 5 जुलाई तक के लिए टाल दिया ।
हिन्दुस्थान समाचार/ आरबी चौधरी/दधिबल