तमिलनाडु: ट्रांसजेंडर को मिलेगी उच्च शिक्षा, जल्द आदेश की संभावना
-निर्देश के बाद भी राज्य में ट्रांसजेंडर की संख्या पता नहीं -तमिलनाडु में मतदान करने वाले कुल 8,465
तमिलनाडु: ट्रांसजेंडर को मिलेगी उच्च शिक्षा, जल्द आदेश की संभावना


-निर्देश के बाद भी राज्य में ट्रांसजेंडर की संख्या पता नहीं

-तमिलनाडु में मतदान करने वाले कुल 8,465 ट्रांसजेंडर

चेन्नई (तमिलनाडु), 29 मार्च (हि.स.)। मौजूदा समय में सीमित संख्या में राज्य के ट्रांसजेंडर उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। इसे देखते हुए तमिलनाडु सरकार ने इच्छुक ट्रांसजेंडर लोगों के लिए ट्यूशन और हॉस्टल फीस सहित सभी शैक्षिक खर्च कवर करने के साथ उच्च शिक्षा सुविधा देने का निर्णय लिया है। खास बात यह है कि मद्रास उच्च न्यायालय के निर्देश के बावजूद राज्य में ट्रांसजेंडर्स की वास्तविक संख्या उपलब्ध नहीं है। इसके साथ ही सीमित संख्या में ट्रांसजेंडर मतदाता वोटिंग कर रहे हैं।

समाज कल्याण और महिला अधिकारिता विभाग के तहत ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड द्वारा राज्य के ट्रांसजेंडरों के कल्याण के लिए कार्य किया जाता है। समाज कल्याण विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, इस समय बोर्ड पहचान और राशन कार्ड जारी करने, चुनावी पहचान, आवास पट्टे, चिकित्सा सहायता, मुफ्त आवास योजनाएं शुरू करने सहित विभिन्न उपाय करके ट्रांसजेंडरों की मदद कर रहा है। उन्होंने कहा कि हालांकि ट्रांसजेंडरों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने में मदद करने के लिए कोई बड़ी योजना नहीं है। इसलिए बहुत कम ट्रांसजेंडर स्नातक की डिग्री ले पा रहे थे। अब तक केवल पत्राचार पाठ्यक्रम के माध्यम से पढ़ाई कर पा रहे थे और उच्च शिक्षा के लिए अध्ययन सुविधा नहीं उपलब्ध थी। उन्होंने कहा कि सभी ट्रांसजेंडरों को शिक्षा का उतना ही अधिकार है जितना अन्य दूसरे लोगों को अधिकार मिला है। उन्होंने बताया कि उच्च अध्ययन के लिए ट्रांसजेंडरों को वित्तीय सहायता के संबंध में राज्य सरकार द्वारा जल्द ही आधिकारिक आदेश किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ट्रांसजेंडर्स में उच्च शिक्षा के लिए जागृति लाने की आवश्यकता है।

अधिकारी ने दावा किया कि तमिलनाडु में लगभग 32,000 ट्रांसजेंडर हो सकते हैं। विभिन्न ट्रांसजेंडर कल्याण संघों से सटीक जनसंख्या डेटा लेने के लिए अनुरोध किए गए हैं ताकि सभी कल्याणकारी उपाय उन तक पहुँचे।

गौरतलब है कि मद्रास उच्च न्यायालय ने हाल ही में राज्य सरकार को ट्रांसजेंडर आबादी के संबंध में डेटा एकत्र करने के लिए व्यापक सर्वेक्षण करने को कहा था ताकि उन्हें शिक्षा और रोजगार में आरक्षण दिया जा सके। उन्होंने बताया कि पृथिका यशिनी पहली ट्रांसजेंडर महिला हैं, जिन्होंने अपनी डिग्री पूरी की और पुलिस अधिकारी बनीं। उन्हें राज्य पुलिस विभाग द्वारा 2017 में उप-निरीक्षक के रूप में भर्ती किया गया है। इसी तरह, अबतक कुल 8,465 ट्रांसजेंडर बतौर मतदाता रिकॉर्ड में हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/ डॉ आर. बी. चौधरी/संजीव