पीएमके अध्यक्ष अंबुमणि रामदास ने तमिलनाडु सरकार से केरल में खनिजों की तस्करी रोकने का मामला उठाया
चेन्नई (तमिलनाडु), 28 अप्रैल (हि.स.)। सरकार को बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन की चेतावनी देते हुए अंब
पीएमके अध्यक्ष अंबुमणि रामदास ने तमिलनाडु सरकार से केरल में खनिजों की तस्करी रोकने का मामला उठाया


चेन्नई (तमिलनाडु), 28 अप्रैल (हि.स.)। सरकार को बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन की चेतावनी देते हुए अंबुमणि ने कहा कि द्रमुक और अन्नाद्रमुक दोनों सरकारों के दौरान अवैध खनन होता है। पीएमके अध्यक्ष अंबुमणि रामदास यह आरोप लगाते हुए कि कोयंबटूर जिले के पश्चिमी घाट से खनिजों की तस्करी केरल में की जा रही है। पीएमके अध्यक्ष अंबुमणि रामदास ने चेतावनी दी है कि अगर तमिलनाडु सरकार कार्रवाई करने में विफल रहती है तो उनकी पार्टी बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करेगी।

अंबुमणि ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि कोयंबटूर जिले के गुडलुर और आसपास के इलाकों से खनिजों का खनन किया जा रहा है और सैकड़ों ट्रकों में केरल ले जाया जा रहा है। उन्होंने कहा, लोगों द्वारा ट्रकों और तस्करों को हिरासत में लेने के बावजूद सरकार कार्रवाई करने से इनकार कर रही है। यह निंदनीय है। उन्होंने याद दिलाया कि लोगों ने 26 अप्रैल को सात ट्रकों और अर्थमूवर्स को हिरासत में लिया था और पुलिस के अलावा वन, राजस्व और खनन विभागों को सूचित किया था। लेकिन पुलिस मौके पर पहुंची और ट्रकों को जब्त कर लिया। उन्होंने आरोप लगाया, लेकिन अन्य विभाग के अधिकारियों ने अभी तक साइट का दौरा नहीं किया है। मद्रास उच्च न्यायालय ने गुडलूर के आसपास खनन पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके अलावा, जिला कलेक्टरों ने कई साइटों पर खनन पर प्रतिबंध तो लगा दिया लेकिन अधिकारियों के समर्थन से खनन जारी है।

अंबुमणि ने कहा कि तिरुपुर जिले के उडुमलाई और मदाथुकुलम के अलावा, जिले के पोलाची, किनाथुकादावु और मदुक्करई में अवैध खदानें काम कर रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया, हजारों ट्रकों में पूरे तमिलनाडु से बजरी, रेत, मिट्टी और अन्य चीजों की तस्करी केरल में की जा रही है। आरोप हैं कि कोंगु क्षेत्र के अधिकारियों को रिश्वत के रूप में प्रति वर्ष 1,000 करोड़ रुपये मिल रहे हैं। सरकार को बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन की चेतावनी देते हुए, अंबुमणि ने कहा कि द्रमुक और अन्नाद्रमुक दोनों सरकारों के दौरान अवैध खनन होता है।

हिन्दुस्थान समाचार/डॉ आर.बी. चौधरी/आकाश