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कोलकाता, 28 मार्च (हि.स.)। एक ट्रैफिक गार्ड पर हाई कोर्ट के जज के नाम पर पैसे लेने का आरोप लगा है। पुलिस ने कथित तौर पर वकील से पैसे की मांग की। कलकत्ता हाई कोर्ट की जज अमृता सिन्हा ने आरोपित ट्रैफिक गार्ड को हाई कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है। गुरुवार को उन्होंने आदेश दिया कि ट्रैफिक गार्ड दो अप्रैल को कोर्ट में पेश होंगे।
कथित तौर पर ट्रैफिक गार्ड पलाश हलदर ने पिछले मंगलवार को दूसरे हुगली ब्रिज से गुजरते समय हाई कोर्ट के वकील शुभ्रांग्शु पांडा से एक हजार रुपये की मांग की। पैसे देने से इनकार करने पर पलाश ने वकील का ड्राइविंग लाइसेंस रद्द करने की धमकी दी। वकील ने कहा कि इस तरह से पैसे नहीं लिए जा सकते। यातायात कर्मी को दीपांकर दत्त बनाम राज्य सरकार मामले का फैसला दिखाया गया।
जस्टिस दीपांकर दत्ता वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट में कार्यरत हैं। वकील के आरोप पर पुलिसकर्मी ने पलटवार करते हुए दावा किया कि उसने कलकत्ता उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश विश्वनाथ समद्दर के साथ काम किया है। क़ानून सिखाने की ज़रूरत नहीं है। कानून को अच्छे से जानें। उसके पास कई शक्तियां हैं। संयोग से, न्यायमूर्ति समाद्दार वर्तमान में सिक्किम उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यरत हैं। आरोप है कि काफी देर तक बहस के बाद पुलिसकर्मी ने वकील का लाइसेंस छीन लिया।
गुरुवार को वकील से पूरी घटना सुनकर जस्टिस सिन्हा हैरान रह गईं। इसके बाद उन्होंने ट्रैफिक गार्ड को व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश होने का आदेश दिया। शुभ्रांग्शु का दावा है कि यह पहली बार नहीं है, इससे पहले भी पुलिसकर्मी ने जस्टिस समाद्दार नाम के वकील से 500 रुपये लिए थे। हिन्दुस्थान समाचार / ओम प्रकाश /गंगा