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जयपुर, 28 अप्रैल (हि.स.)। राजधानी के चर्चित एकल पट्टा प्रकरण में राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जवाब पेश कर नगरीय विकास मंत्री रहे शांति धारीवाल और तीन तत्कालीन अधिकारियों को क्लीन चिट दी। राज्य सरकार के जवाब में कहा गया है कि एकल पट्टा प्रकरण में कोई मामला नहीं बनता।
राज्य सरकार ने एकल पट्टा प्रकरण में अशोक पाठक की विशेष अनुमति याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में यह जवाब पेश किया। वर्ष 2011 में जेडीए ने गणपति कंस्ट्रक्शन के प्रोपराइटर शैलेन्द्र गर्ग के नाम एकल पट्टा जारी किया था। इस मामले में धारीवाल व तत्कालीन अधिकारियों को हाईकोर्ट से राहत मिल गई, जिसके खिलाफ यह विशेष अनुमति याचिका दायर की गई। इस पर राज्य सरकार की ओर से 22 अप्रेल को सुप्रीम कोर्ट में पेश जवाब में कहा कि एकल पट्टा प्रकरण में नियमों की पूरी तरह से पालना की गई और इसमें राज्य को कोई वित्तीय हानि भी नहीं हुई।
उल्लेखनीय है कि तत्कालीन वसुंधरा राजे सरकार के समय एसीबी ने मामला दर्ज किया। इसमें तत्कालीन आईएएस जीएस संधू, तत्कालीन आरएएस निष्काम दिवाकर, तत्कालीन जोन उपायुक्त ओंकारमल सैनी व अन्य को गिरफ्तार किया और शांति धारीवाल से पूछताछ की। अब भजनलाल सरकार ने सभी को क्लीन चिट दी हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/ पारीक/ईश्वर