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श्रीनगर, 08 सितंबर (हि.स.)। शेर-ए-कश्मीर शेख मुहम्मद अब्दुल्ला की 43वीं पुण्यतिथि के अवसर पर कैबिनेट मंत्री जावेद अहमद राणा ने श्रीनगर के हजरतबल स्थित दिवंगत नेता की समाधि पर जाकर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की और इस महान राजनेता की स्मृति में प्रार्थना की।
सोशल मीडिया पर साझा किए गए एक संदेश में मंत्री ने शेख अब्दुल्ला को लोगों के अधिकारों के दूरदर्शी और निडर समर्थक बताया, जिन्होंने अपने लोगों के सम्मान, न्याय और आत्मसम्मान के प्रति अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता के साथ आधुनिक जम्मू और कश्मीर की नींव रखी। राणा ने कहा कि शेख साहब का जीवन धर्मनिरपेक्षता, लोकतंत्र और विभिन्न समुदायों की एकता के स्थायी आदर्शों का प्रमाण था। उनका संघर्ष केवल राजनीतिक नहीं था, बल्कि सामाजिक सशक्तिकरण और सांप्रदायिक सद्भाव के मूल्यों में गहराई से निहित था। उनकी विरासत को केवल याद रखना ही नहीं है, बल्कि उसे जीना भी है। मंत्री ने जोर देकर कहा कि शेख अब्दुल्ला के अपार बलिदानों का सम्मान करने का सबसे अच्छा तरीका एक शांतिपूर्ण, समावेशी और प्रगतिशील जम्मू-कश्मीर के निर्माण के लिए सामूहिक प्रयास करना है। उन्होंने कहा कि शेख साहब का दृष्टिकोण लाखों लोगों के दिलों में गूंजता रहता है, खासकर हाशिए पर पड़े और कम प्रतिनिधित्व वाले समुदायों के दिलों में, जिनका उन्होंने अथक प्रयास किया। क्षेत्र के युवाओं का आह्वान करते हुए, राणा ने उनसे शेख अब्दुल्ला के आदर्शों से प्रेरणा लेने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, ष्हमारी युवा पीढ़ी को उनके दृष्टिकोण से शक्ति प्राप्त करनी चाहिए और समावेशी विकास, सामाजिक न्याय और लोकतांत्रिक मूल्यों के सिद्धांतों के प्रति समर्पित होना चाहिए।
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हिन्दुस्थान समाचार / सचिन खजूरिया