Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
जम्मू,, 7 सितंबर (हि.स.)।
श्री दुर्गा नाटक मंडली रियासी अपने गौरवशाली इतिहास को आगे बढ़ाते हुए इस वर्ष 136वां रामलीला मंचन करने जा रही है। इसके लिए मंडली में तैयारी जोरों पर है। मंचन और दशहरे की रूपरेखा को लेकर पदाधिकारियों की बैठकें चल रही हैं जबकि कलाकार रिहर्सल में जुट गए हैं। इस वर्ष कई नए कलाकार भी शामिल हुए हैं जो वरिष्ठ और मंझे हुए कलाकारों की देखरेख में रिहर्सल कर रहे हैं।
मंडली के प्रधान संजिव खजुरिया और अध्यक्ष सुदेश पंडोत्रा ने बताया कि रियासी में वर्ष 1890 में रामलीला की शुरुआत स्वर्गीय बागमल जी द्वारा की गई थी। उनके द्वारा लगाए गए बीज आज एक विशाल वृक्ष बन चुके है जिसने प्रदेश ही नहीं बल्कि देश में भी अपनी अलग पहचान बनाई है। मंडली का हमेशा प्रयास रहा है कि हर साल मंचन में दर्शकों को न केवल बेहतर दृश्य दिखें बल्कि कुछ नया भी देखने को मिले।
उन्होंने कहा कि रामलीला के बाद दशहरा भी धूमधाम से मनाया जाएगा। ऐसे आयोजनों में तन, मन और धन की आवश्यकता होती है जिसमें हमेशा से ही लोगों का सहयोग मिला है और इस बार भी उनकी मदद की उम्मीद है। उन्होंने यह भी कहा कि यह मंच इतना विशेष है कि मौजूदा कलाकारों और पदाधिकारियों के पूर्वज भी इससे जुड़े रहे हैं और अब अगली पीढ़ी भी इसमें शामिल हो रही है।
संजिव खजुरिया और सुदेश पंडोत्रा ने कहा कि हाल ही में चशौती और आधकुवांरी त्रासदी से लोग और मंडली व्यथित हैं, लेकिन रामलीला का मंचन भगवान श्री राम के कार्य के रूप में जारी रहेगा और इस परंपरा को बनाए रखना उनका कर्तव्य है।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / अश्वनी गुप्ता