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रांची, 7 सितंबर (हि.स.) झारखंड की राजधानी रांची के दलादली जतरा मैदान में रविवार को इंद्र जतरा समिति की ओर से 'करम इंद्र जतरा महोत्सव' पर भगवान इंद्र की पूजा-अर्चना की गई। कार्यक्रम के दौरान विभिन्न खोड़ा और टोली ने अपनी लोक संस्कृति तथा नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया।
राष्ट्र सेवा फाउंडेशन के पदाधिकारियों ने बताया कि इंद्र जतरा समिति, दलादली की ओर से पिछले 25 वर्षों से करम पर्व के उपलक्ष्य में मिलन समारोह का आयोजन किया जा रहा है। यह महोत्सव शक्ति और जीवन का प्रतीक माने जाने वाले करम देवता को समर्पित है। इस त्योहार में पारंपरिक नृत्य और गीत प्रमुख हैं, जो उत्साह और आस्था को दर्शाते हैं।
उन्होंने बताया कि करम पर्व पर जतरा मेला लगता है, जहां लोग दूर-दूर से खोड़ा और टोली के रूप में पारंपरिक लोक गीत, लोक नृत्य के साथ पारंपरिक वाद्य यंत्र मांदर, ढोल और नगाड़ा बजाते हुए आते हैं। जिस तरह हिंदू रीति रिवाज में तुलसी के पौधे का महत्व है। ठीक उसी प्रकार आदिवासी समाज में करम पेड़ का महत्व है।
इस महोत्सव में आसपास के विभिन्न क्षेत्रों से लोग खोड़ा और टोली के रूप में पारंपरिक लोकगीत, नृत्य, पारंपरिक वाद्य यंत्र ढोल, नगाड़ा, मांदर बजाते हुए 'करम इंद्र जतरा' मिलन समारोह में शामिल हुए। अतिथियों ने समिति की ओर से टोलियों में शामिल लोगों को उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए पुरस्कार स्वरूप चार-चार कुर्सी और नगद राशि देकर सम्मानित किया।
इस मौके पर अविवाहित आदिवासी युवतियां जावा त्योहार मनाती हैं, जिसमें नौ प्रकार के बीजों से एक छोटी टोकरी सजाती हैं, जो करम पर्व प्रकृति के प्रति सम्मान और उसके संरक्षण का संदेश देता है। यह पर्व अच्छी फसल और कृषि उत्पादन में वृद्धि के लिए मनाया जाता है। इस पर्व में लोग अपने परिवार और समाज में खुशहाली व समृद्धि तथा अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हैं।
समारोह में समिति के संरक्षक रातु प्रखंड के पूर्व प्रमुख सुरेश मंडा, अध्यक्ष अमित मुंडा, कोषाध्यक्ष सोनू मुंडा, ललित मुंडा, सचिव बिरसू मुंडा और उमेश मुंडा बतौर अतिथि मौजूद थे। राष्ट्र सेवा फाउंडेशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुनील कुमार सिंह, समाजसेवी अभिषेक मिश्रा, रामाशीष शर्मा, अशोक दुबे, कलाम आजाद, नंद किशोर मेहता, बुद्धराम उरांव, अजय राय, रामभरोस महतो, सुधीर महतो भी उपस्थित थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / Vinod Pathak