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जम्मू, 6 सितंबर (हि.स.)। सनातन धर्म में भाद्रपद पूर्णिमा का विशेष महत्व है। इस वर्ष यह पूर्णिमा 6 सितंबर की मध्यरात्रि 1:42 बजे से आरंभ होकर 7 सितंबर की रात 11:39 बजे तक रहेगी। अतः पूर्णिमा व्रत और पूजन रविवार, 7 सितंबर 2025 को संपन्न होगा। श्री कैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं प्रधान ज्योतिषाचार्य महंत रोहित शास्त्री ने बताया कि इस बार भाद्रपद पूर्णिमा पर विशेष संयोग बन रहा है। इसी दिन चंद्रग्रहण और महालय श्राद्ध का आरंभ भी होगा। चंद्रग्रहण रात 9:56 बजे से शुरू होकर देर रात 1:27 बजे तक रहेगा। इसका सूतक दोपहर 12:56 बजे से ही प्रारंभ हो जाएगा।
महंत रोहित शास्त्री ने श्रद्धालुओं को सलाह दी कि वे भाद्रपद पूर्णिमा से जुड़े पूजन, श्राद्ध और चंद्रमा की आराधना दोपहर 12:50 बजे से पहले ही कर लें। इसके बाद ग्रहण का सूतक प्रभावी हो जाएगा। इस दिन भगवान श्रीगणेश, भगवान शिव, माता पार्वती, मां शारदा, भगवान विष्णु के स्वरूप श्रीसत्यनारायण जी तथा चंद्रदेव की पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है। श्रीसत्यनारायण कथा का आयोजन और श्रवण अत्यंत शुभ माना गया है। धार्मिक आस्थावानों का कहना है कि जम्मू क्षेत्र में यह दिन विशेष रूप से श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाएगा। मंदिरों में पूजा-अर्चना की तैयारी शुरू हो चुकी है और श्रद्धालु रविवार को व्रत, पूजा व श्राद्ध अनुष्ठान कर पुण्य अर्जित करेंगे।
हिन्दुस्थान समाचार / राहुल शर्मा