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रांची, 4 सितंबर (हि.स.)।
झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के महासचिव सह प्रवक्ता विनोद पांडेय ने केंद्र सरकार की ओर से हाल ही में किए गए जीएसटी दरों में कटौती के ऐलान को चुनावी हथकंडा करार दिया है।
उन्होंने कहा कि यह राहत जनता के लिए नहीं, बल्कि भाजपा की चुनावी मजबूरी है। उन्हाेंने सरकार का यह फैसला पूरी तरह से चुनावी छलावा है। पांडेय गुरूवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि यदि यह राहत वास्तव में जरूरी थी तो पिछले सात वर्षों से जनता पर तथाकथित बडा टैक्स क्यों थोपा गया। उन्होंने कहा कि भाजपा को यह जवाब देना चाहिए कि दाल-चावल, बच्चों की कॉपी-किताब, दवाइयों और कृषि उपकरणों तक पर टैक्स वसूलने का हिसाब कौन देगा।
उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि पेट्रोल-डीजल और गैस सिलेंडर की कीमतों में कोई कमी नहीं की गई और न ही बेरोजगारी और किसानों की समस्याओं पर कोई ठोस कदम उठाया गया।
पांडेय ने कहा कि किसान जब न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी की मांग कर रहे थे, तब केंद्र सरकार पीछे हट गई।
पांडेय ने कहा कि केंद्र ने लगातार जनकल्याणकारी मदों जैसे मनरेगा, मिड डे मील, शिक्षा और खाद्य सुरक्षा के बजट में कटौती की, जबकि झारखंड की हेमंत सरकार ने अबुआ आवास, अबुआ स्वास्थ्य, सर्वजन पेंशन और मंईयां सम्मान जैसी योजनाओं से जनता को राहत दी है।
उन्होंने कहा कि भाजपा चुनाव आते ही राहत के नाम पर खोखले तोहफे देती है, लेकिन सच्चाई यह है कि जनता की जेब लगातार काटी गई। उन्होंने कहा कि झारखंड की जनता भाजपा के इस चुनावी छलावे का जवाब देगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / Manoj Kumar