Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
रांची, 03 सितंबर( हि.स.)। भाजपा प्रदेश महामंत्री एवम सांसद डॉ प्रदीप वर्मा ने कहा है कि झामुमो सस्ती लोकप्रियता के लिए अपनी पीठ खुद थपथपाने में लगा है। उन्होंने कहा कि झामुमो एक ओर विस्थापन आयोग और साहित्य कला अकादमी के नाम पर हेमंत सरकार की प्रशंसा करने में जुटी है लेकिन इस सरकार के लिए महिलाओं की सुरक्षा ,बहन बेटियों की इज्जत आबरू बड़ा मुद्दा नहीं है। इसीलिए पिछले छह वर्षों से सत्ता में रहा झामुमो अबतक महिला आयोग गठित करने के लिए सरकार को बाध्य नहीं कर सकी। ऐसे भी इंडी गठबंधन में महिलाओं के प्रति क्या नजरिया है यह राज्य की जनता से छुपा हुआ नहीं है।
वर्मा ने यह बातें बुधवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की प्रेसवार्ता पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कही। उन्होंने कहा कि राज्य में भ्रष्टाचार के रोज नए मामले उजागर हो रहे हैं, लेकिन सरकार पर कानून का शिकंजा कसा न जा सके इसलिए हेमंत सरकार लोकायुक्त की नियुक्ति करने से भाग रही।
उन्होंने कहा कि बार-बार की बहानेबाजी के बीच न्यायालय के सख्त निर्देश के बाद भी राज्य में सूचना आयुक्तों के पद नहीं भरे गए। इससे साफ है कि हेमंत सरकार अपनी नाकामियों को सूचना अधिकार के माध्यम से उजागर होने देना नहीं चाहती है। वर्मा ने कहा कि एक तरफ हेमंत सरकार विस्थापन आयोग के गठन की बात कर रही है। वहीं दूसरी ओर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री रिम्स-2 के नाम पर नगड़ी के खेतिहर रैयतों को उजाड़ने के लिए अड़े हुए हैं।
उन्होंने कहा कि झारखंड में विस्थापन के लिए पूरी तरह जिम्मेवार कांग्रेस पार्टी है। पिछले 60 वर्षों के कांग्रेस शासन में राज्य के लाखों लोग बेघर हुए। अपनी जमीन से विस्थापित हुए। लेकिन आज इसी कांग्रेस के साथ सत्ता की मलाई खाने वाला झामुमो विस्थापित आयोग की बात कर रहा है।
उन्होंने ने कहा कि इसके पूर्व भी कई आयोग बनाने की बात राज्य सरकार ने किया है, लेकिन धरातल पर एक भी नहीं उतर पाया, क्योंकि राज्य सरकार की मंशा साफ नहीं है। सरकार की नीति और नियत में आसमान जमीन का अंतर है।
उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार को जनहित में राज्य हित में जरूरी काम करने की सोच विकसित करनी चाहिए और सस्ती लोकप्रियता से बचना चाहिए।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / विकाश कुमार पांडे