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रांची, 3 सितंबर (हि.स.)। सूर्या हांसदा केस में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग सख्त हो गया है। आजसू की तरफ़ से संजय मेहता ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने आयोग में केस दर्ज कराया था। आजसू के केंद्रीय महासचिव संजय मेहता के आवेदन पर आयोग ने संज्ञान लिया था। आयोग ने अब इस मामले में गोड्डा के डीसी और एसपी से चार सप्ताह के भीतर रिपोर्ट मांगा है। आयोग की गंभीरता से परिजनों में न्याय की आस जगी है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने प्रियांक कानूनगो, सदस्य की अध्यक्षता में मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम-1993 की धारा 12 के तहत इस मामले का संज्ञान लिया है।
आयोग ने शिकायत में लगाए गए आरोपों को प्रथम दृष्टया मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन माना है। इस संदर्भ में आयोग ने निर्देश जारी किया है।
29 अगस्त को आयोग ने जांच दल का गठन
आजसू की तरफ़ से संजय मेहता ने 20 अगस्त को आयोग में मामला दर्ज करवाया। 27 अगस्त को संजय मेहता के आवेदन पर आयोग में मामला दर्ज हुआ।
29 अगस्त को आयोग ने जांच दल का गठन किया। आयोग ने एनएचआरसी के महानिदेशक (जांच) को निर्देश दिया कि वे एक विशेष जांच दल गठित करें और इस मामले की विस्तृत जांच कर 30 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करें। आयोग के सहायक रजिस्ट्रार बृजबीर सिंह ने इस बावत महानिदेशक (जांच) को पत्र लिखा। आयोग की ओर से दो सितंबर को गोड्डा के जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) और पुलिस अधीक्षक (एसपी) को नोटिस जारी कर शिकायत में लगाए गए आरोपों की जांच करने और चार सप्ताह के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट (एक्शन टेकेन रिपोर्ट) एटीआर प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। आयोग ने गोड्डा पुलिस से स्पष्टीकरण मांगा है। गोड्डा के एसपी को यह स्पष्ट करने का निर्देश दिया गया है कि आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार मुठभेड़ की जानकारी निर्धारित समय के भीतर आयोग को क्यों नहीं दी गई।
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हिन्दुस्थान समाचार / Vinod Pathak