Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
रांची, 3 सितंबर (हि.स.)।
सामाजिक कार्यकर्ता और आरटीआई एक्टिविस्ट दिलीप मिश्रा ने देशभर के शहीदों और उनके परिजनों की दयनीय हालत को देखते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से शहीद आयोग गठित करने की मांग करते हुए पत्र भेजा है।
बुधवार को हटिया में मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि आजादी के महानायक शहीदों के वंशजों को सरकार ने भूला दिया है।
मिश्रा ने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन में बलिदान देने वाले भगवान बिरसा मुंडा, चांद-भैरव, गया मुंडा, शेख विखारी, पांडे गणपतराय, नीलांबर-पीतांबर, सिद्धू-कान्हू जैसे वीरों के परिवार आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। खूंटी जिले में भी बिरसा मुंडा के वंशज दिहाड़ी मजदूरी करने को विवश हैं। उन्होंने बताया कि हाल ही में बिरसा मुंडा की वंशज महिला को मात्र सौ रुपये की मजदूरी पर दूसरों के खेत में काम करते देखा गया, जबकि सरकार उनके नाम पर योजनाएं और कार्यक्रम चलाती है।
उन्होंने कटाक्ष किया कि कार्यक्रमों में नेताओं और अफसर शहीद परिवारों को सिर्फ फोटो खिंचवाने के लिए मंच पर बुलाते हैं। लेकिन उसके बाद उनके जीवन की सुध लेने वाला कोई नहीं होता।
उन्होंने कहा कि सरकारी सुविधाओं में भी इन्हें केवल चौथाई लाभ मिलता है और कई बार तो चौकीदार या चपरासी जैसी नौकरियों में ही सीमित कर दिया जाता है। कई बार यह भी देखा जाता है कि शहीदों के परिजनों को फोर्थ ग्रेड में नौकरी देकर उनसे जिला के अफसर अपने सरकारी आवास में नौकर नौकरानी बनाकर रखते हैं। जूठे बर्तन तक मंजवाते हैं। जिनके वीर महानायको ने आज़ादी की लड़ाई में अपनी जान गंवाई उनके वंशजों को मजबूरी में अफसरों के घर जुठे बर्तन मांजने का काम कराना शर्मनाक है।
दिलीप मिश्रा ने राष्ट्रपति के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राज्यपाल संतोष गंगवार और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी पत्र लिखकर शहीद आयोग बनाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि आयोग के गठन से शहीद परिवारों की सम्मानजनक आजीविका और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित होगी और यही शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / Manoj Kumar