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लेह, 3 सितंबर (हि.स.)। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) में नियमित कार्यों को स्वचालित करके, नागरिक सेवाओं को वैयक्तिकृत करके और अधिक प्रभावी नीति नियोजन एवं संसाधन आवंटन के लिए डेटा-संचालित निर्णय लेने को सक्षम बनाकर शासन में बदलाव लाने की अपार क्षमता है। हालाँकि एआई के सफल एकीकरण के लिए मानवीय निगरानी और तकनीकी नवाचार के बीच एक संतुलित तालमेल की आवश्यकता है ताकि एक पारदर्शी, कुशल और नागरिक-केंद्रित शासन प्रणाली सुनिश्चित हो सके।
लद्दाख के उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता ने आज एलजी सचिवालय में केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में सुशासन को बढ़ाने के लिए एआई-संचालित प्रौद्योगिकियों के संभावित कार्यान्वयन की खोज विषय पर एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए ये बातें कहीं। बैठक में मुख्य सचिव डॉ. पवन कोतवाल, प्रमुख सचिव संजीव खिरवार, प्रशासनिक सचिव और विभागाध्यक्ष उपस्थित थे।
बैठक के दौरान बेंगलुरु स्थित कंपनी कोरोवर के संस्थापक अंकुश सभरवाल ने शासन में एआई-संचालित समाधानों के दायरे पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी, जिसमें नागरिक जुड़ाव को बेहतर बनाने और सरकारी सेवाओं को सुव्यवस्थित करने के लिए संवादात्मक प्लेटफार्मों और चैटबॉट्स का उपयोग शामिल था।
उपराज्यपाल ने कहा कि शासन ढाँचे में एआई का एकीकरण विशेष रूप से स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, कौशल विकास और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में न केवल प्रशासनिक बोझ को कम करेगा, बल्कि जन शिकायतों का अधिक प्रभावी ढंग से समाधान भी करेगा, जिससे नागरिकों की संतुष्टि का स्तर बढ़ेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एआई को मानवीय मूल्यों और क्षमताओं को मजबूत करने और साथ ही उत्तरदायी एआई के उपयोग को सुनिश्चित करने के एक साधन के रूप में देखने के दृष्टिकोण को दोहराते हुए उपराज्यपाल ने तकनीकी नवाचारों के माध्यम से लद्दाख के लोगों को प्रभावी और कुशल सेवाएँ प्रदान करने के लिए केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।
उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि मानव-प्रौद्योगिकी संपर्क विशेष रूप से स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और पर्यटन में लद्दाखियों को बेहतर चिकित्सा और शैक्षिक सुविधाएँ प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा साथ ही पर्यटकों के लिए एक सहज और समृद्ध अनुभव सुनिश्चित करेगा।
उपराज्यपाल ने सचिवों और विभागाध्यक्षों को नागरिकों तक पहुँच और सेवा वितरण को आसान बनाने में एआई-संचालित समाधानों की क्षमता का विश्लेषण करने का निर्देश दिया। उन्होंने उनसे यह आकलन करने को कहा कि ऐसी प्रौद्योगिकियाँ किस प्रकार विभागों को लोगों से अधिक प्रभावी ढंग से जुड़ने उनकी चिंताओं का वास्तविक समय में समाधान करने और शासन को अधिक सुलभ एवं उत्तरदायी बनाने में मदद कर सकती हैं।
अपने भाषण के समापन पर कविन्द्र गुप्ता ने कहा कि लद्दाख अपनी अनूठी चुनौतियों और अवसरों के साथ एआई-संचालित सुशासन के लिए एक आदर्श केंद्र शासित प्रदेश के रूप में उभर सकता है। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि ऐसी तकनीकों को अपनाने का अंतिम उद्देश्य नागरिकों को सशक्त बनाना पारदर्शिता को मज़बूत करना और सार्वजनिक सेवा वितरण को अधिक सुलभ एवं कुशल बनाना होना चाहिए।
हिन्दुस्थान समाचार / रमेश गुप्ता