पारा शिक्षकों को शिक्षक भर्ती 2016 मामले में प्राथमिकता दे सरकार : धर्मेंद्र तिवारी
रांची, 2 सितंबर (हि.स.)। शिक्षक भर्ती 2016 में गड़बड़ियों की बात पर जनता दल (यू) (जदयू) के वरिष्ठ नेता धर्मेंद्र तिवारी ने कहा कि सरकार ने जब खुद स्वीकार किया है कि प्राथमिक शिक्षकों के लिए आरक्षित 3704 सीटें सरेंडर कर दी गई हैं, जो बेहद दुर्भाग्यपू
धर्मेंद्र तिवारी की फाइल फोटो


रांची, 2 सितंबर (हि.स.)। शिक्षक भर्ती 2016 में गड़बड़ियों की बात पर जनता दल (यू) (जदयू) के वरिष्ठ नेता धर्मेंद्र तिवारी ने कहा कि सरकार ने जब खुद स्वीकार किया है कि प्राथमिक शिक्षकों के लिए आरक्षित 3704 सीटें सरेंडर कर दी गई हैं, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। तब ऐसे में इन सीटों पर 2016 की भर्ती परीक्षा में शामिल योग्य पारा शिक्षकों को ही प्राथमिकता दिया जाए।

तिवारी मंगलवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर यह बातें कही। उन्होंने कहा कि झारखंड के हजारों पारा शिक्षकों के साथ न्‍याय मिल सके। क्‍योंकि पारा शिक्षक वर्षों से प्राथमिक और उच्च विद्यालयों में निष्ठा से पढ़ा रहे हैं, लेकिन भर्ती प्रक्रिया में लगातार उनकी अनदेखी हुई है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब सरकारी शिक्षकों के लिए 25 प्रतिशत सीटें सुरक्षित रखी जा सकती हैं, तो पारा शिक्षकों को यह अवसर क्यों नहीं दिया गया।

तिवारी ने कहा कि जो अभ्यर्थी 2016 की नियुक्ति परीक्षा में क्वालीफाई हैं। और पारा शिक्षक भी हैं, वे अपनी योग्यता साबित कर चुके हैं। ऐसे में सरेंडर की गई सीटों को इन्हीं से भरना न्यायसंगत कदम होगा। जदयू नेता ने पारा शिक्षक संघ पर भी निशाना साधा और कहा कि संघ ने समय रहते यह मुद्दा सरकार तक क्यों नहीं पहुंचाया गया।

उनकी चुप्पी भी सवालों के घेरे में है। धर्मेंद्र तिवारी ने झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस दीपक रोशन की पहल की सराहना की। और फैक्ट-फाइंडिंग कमीशन के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति डॉ एसएन पाठक से आग्रह किया कि वे इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार कर योग्य पारा शिक्षकों को अवसर सुनिश्चित करें।

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हिन्दुस्थान समाचार / Manoj Kumar