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कठुआ, 09 अगस्त (हि.स.)। कठुआ जिले में रक्षाबंधन का पर्व हर्षोउल्लास और धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर बहनों ने भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर उनकी लंबी आयु की कामना की।
कठुआ जिले की तहसील बसोहली, बनी, हीरानगर, बिलावर सहित अन्य क्षेत्र में भी रक्षाबंधन का पर्व हर्षोउल्लास और धूमधाम से मनाया गया। बजारों में भी दिभर चहलपहल रही। बहनों ने भाइयों के लिए रंग बिरंगी राखियां और मिठाइयां खरीदीं और उनकी कलाइयों पर राखी बांधकर उनकी लंबी आयु की कामना की। हालांकि इस वर्ष राखी बांधने का शुभ समय दोपहर एक बजे तक था, जिसके चलते बहनों ने भाइयों को एक बजे से पहले-पहले राखी बांधी। पंडित अशोक शर्मा ने बताया कि रक्षाबंधन भारतवर्ष की चिर परिचित सनातन संस्कृति का प्रतीक है। इसका पौराणिक और ऐतिहासिक महत्व है।
रक्षाबंधन दो शब्द रक्षा और बन्धन से मिलकर बना है अर्थात एक ऐसा बन्धन जो रक्षा के लिए वचन लें, यह श्रद्धा और विश्वास का पर्व है।
इस अवसर पर गुरु शिष्य को, भाई बहन को, पत्नी पति को रक्षा सूत्र बाधती है, पुराणों में उल्लेख है कि द्रोपदी ने कृष्ण को, लक्ष्मीजी ने विष्णु को संकट के समय या युद्ध के समय रक्षा के लिए मौली या कलावा बाधा था तभी से यह परम्परा चली आ रही है, यह पर्व अधिक से अधिक लोगों ने तब से मनाना शुरू किया जब से रानी कर्णावती ने अपने राज्य की एवं स्वयं की रक्षा के लिए मुस्लिम शासक हिमायु को रक्षासूत्र बाधकर अपनी रक्षा के लिए वचन करवाया।
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हिन्दुस्थान समाचार / सचिन खजूरिया