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रांची, 9 अगस्त (हि.स.)। केन्द्रीय सरना समिति ने इस वर्ष विश्व आदिवासी दिवस को दिशुम गुरु शिबू सोरेन के सम्मान में सादगी से मनाया। इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष ने कहा कि झारखंड आंदोलनकारियों का सपना आज अधूरा है। सीएनटी और एसपीटी एक्ट होने के बावजूद आदिवासियों की जमीन की लूट जारी है, खनिज संपदा के बावजूद समाज पिछड़ा है और पारंपरिक धार्मिक व्यवस्था खतरे में है।
इससे पहले समिति के अध्यक्ष बबलू मुंडा के नेतृत्व में शनिवार सुबह भगवान बिरसा मुंडा समाधि स्थल, कोकर में 151 मिट्टी के दीप जलाए गए। प्रतिमा पर माल्यार्पण कर झारखंड के वीर शहीदों को नमन किया गया।
बबलू मुंडा ने कहा कि हर वर्ष यह दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता रहा है, लेकिन इस बार गुरुजी के निधन के कारण इसे संकल्प दिवस के रूप में मनाया गया।
मुख्य पहान जगलाल पहान ने जल-जंगल-जमीन की रक्षा के लिए संगठित होकर संघर्ष का आह्वान किया और वीर शहीदों के पदचिन्हों पर चलने की आवश्यकता पर बल दिया।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से केन्द्रीय सरना समिति अध्यक्ष बबलू मुंडा, मुख्य पहान जगलाल पहान, महादेव टोप्पो, झारखंड आंदोलनकारी कुमोद कुमार वर्मा, सुरेन्द्र लिंडा, संजय नायक, मुकेश मुंडा, आशीष मुंडा, विशाल मुंडा, संतोष मुंडा, महादेव मुंडा, राकेश मुंडा,मानिष मुंडा,सोनू मुंडा,अन्जन मुंडा,रिसव मुंडा,अनुकल मुंडा, युवराज मुंडा,नरेश मुंडा, शम्भू टोप्पो, माईकल टोप्पो सहित बड़ी संख्या में समुदाय के लोग मौजूद थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / Manoj Kumar