आदिवासी पहचान,अस्मिता और अस्तित्व को संरक्षण कायम रखना युवाओं की है जिम्मेवारीः डॉ डेमियन टुडू
दुमका, 9 अगस्त (हि.स.)। संत जेवियर कॉलेज महारो के इंडिगो ऑडिटोरियम में छात्र-छात्राओं ने विश्व आदिवासी दिवस हर्ष उल्लास, मनन चिंतन और आदिवासी मुद्दों पर गहन परिचर्चा कर मनाया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि एसपी महिला कॉलेज के प्राचार्या डॉ रीना निलीमा लकड़ा,
सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करते छात्र-छात्राएं


दुमका, 9 अगस्त (हि.स.)। संत जेवियर कॉलेज महारो के इंडिगो ऑडिटोरियम में छात्र-छात्राओं ने विश्व आदिवासी दिवस हर्ष उल्लास, मनन चिंतन और आदिवासी मुद्दों पर गहन परिचर्चा कर मनाया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि एसपी महिला कॉलेज के प्राचार्या डॉ रीना निलीमा लकड़ा, संताल जेवियर महारो, डिग्री कॉलेज के प्रिंसिपल फा. वर्गीय पाली, इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल फा डॉ. डेमियन टुडू आदि उपस्थित थे।

इस अवसर पर वर्तमान परिपेक्ष में राज्य, राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर आदिवासियों के सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक, राजनैतिक, शैक्षिक, व्यावसायिक जैसे विभिन्न मुद्दों पर भाषण प्रतियोगिता आयोजन किया गया। भाषण प्रतियोगिता में छात्र-छात्राओं ने बढ़चढ़ कर आदिवासियों के मुद्दों पर भावनात्मक, विचारात्मक और चुनौतियों पूर्ण विचार व्यक्त किया।

हरेक साल संयुक्त राष्ट्र संघ आदिवासी दिवस पर विशेष थीम को लेकर वैश्विक स्तर के आदिवासियों मुद्दों को लेकर चर्चा करते हैं। इस साल आदिवासी दिवस पर स्वदेशी लोगों का आत्मनिर्णय का अधिकार, खाद्य सुरक्षा और संप्रभुता का मार्ग एवं अपनी आदिवासी विरासत का उत्सव, पहचान का सम्मान और आवाज़ को सशक्त बनाना ही आदिवासी दिवस का एक मुख्य लक्ष्य है।

इस अवसर एसपी महिला कॉलेज के प्राचार्या डॉ लकड़ा ने आदिवासी लोगों की भूमि अलगाव की समस्या मुद्दों पर चुनौतीपूर्ण विचार व्यक्त किया।

उन्होंने कहा कि 21वी सदी के आदिवासी आधुनिकता की भागदौड़ में पूंजीवादी तंत्र के द्वारा आदिवासियों के जल, जंगल और जमीन से विस्थापित करने की षडयंत्र तीव्र गति से चल रही है। उन्होंने कहा कि जहां जहां आदिवासी समुदाय वास करते हैं। उन्हें के पैतृक जन्म भूमि पर कोयला, अभ्रक, तांबा, सोना, लोहा, जैसे कई तरह के प्रचुर मात्रा में प्रकृति संसाधनों को दोहन का विस्थापित होने को मजबूर हो रहे हैं।

इस अवसर पर संत जेवियर इंटर कॉलेज के प्राचार्य डॉ टुडू ने आदिवासी परंपरा और आधुनिकता के बीच आदिवासी संस्कृति का संरक्षण, संवर्धन जैसे मुद्दों पर विचार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि आदिवासी आधुनिकता की प्रतिस्पर्धा भागदौड़ मे आगे पीछे होना स्वाभाविक है।

उन्होंने कहा कि आदिवासी परिस्थितियों के अनुसार अपने आप को अनुकूल रहते हैं। उन्होंने कहा कि आधुनिकता की दौड़ में आदिवासियों के समक्ष कई तरह के चुनौती है। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज में सामूहिकता, एकजुटता, मिलनसार ईमानदारी, सहयोगी होते हैं, लेकिन विकास के दौड़ में आदिवासियों के बीच में भी प्रस्तीस्पर्धा की भावना उत्पन्न हुए हैं।

उन्होंने कहा कि आदिवासी समित संसाधनों में जीवन जीने की कला को अच्छी तरह से जानते हैं। उन्होंने बताया कि झारखंड में 32 आदिवासी समूह हैं। जिन्हें अनुसूचित जनजाति के नाम से जाने जाते हैं। उन्होंने कहा कि आदिवासियों की भाषा, संस्कृति, रीति रिवाज अन्य समुदायों की अपेक्षा काफी अधिक समृद्ध, सम्पन्न है। लेकिन मध्यम वर्ग के आदिवासी धीरे-धीरे अपनी आदिवासी समाज की रीति-रिवाज, पर्व त्यौहार, भाषा संस्कृति, विश्वास को त्याग कर सवर्ण की भांति श्रेष्ठ समझते हैं। लेकिन हकीकत तो यहीं है कि आदिवासी खुद श्रेष्ठ समुदाय हैं। आदिवासियों में आदि कल से श्रेष्ठ समाज को संचालन करने के लिए प्रजातांत्रिक व्यवस्था अभी भी कायम है।

आदिवासी पहचान,अस्मिता अस्तित्व को संरक्षण और संवर्धन कायम रखना आज के युवा युवतियां की जिम्मेवारी है। उन्होंने कहा कि जब तब जल, जंगल और जमीन का अस्तित्व कायम रहेगा। तब तक आदिवासी पहचान भी रहेंगे। लेकिन चुनौती यही है कि वर्तमान समय में आदिवासी राजनीतिक और प्रशासनिक तंत्रों द्वारा ही अपने ही जल, जंगल और जमीन से विस्थापित होने को मजबूर हो रहे हैं।

इस अवसर पर अंकिता टुडू ने संतालों की उत्पति, गोत्र और संथाल उपनामों की उत्पत्ति के बारे में अपना विचार व्यक्त किया। सुबिता देहरी ने पहाड़िया का इतिहास के बारे में जानकारी दी। प्रोफेसर अनिल पंडित ने आदिवासियों की प्रशासनिक ढांचा के बारे में जानकारी दिया। उन्होंने कहा कि हरेक गांव को बेहतर तरीके से संचालन करने के लिए कुछ अधिकारी होते हैं। जिन्हें हम, मांझी बाबा, पौराणिक, जोग मांझी, जोग पौराणिक, नायकी और संदेशवाहक, गोडे जैसे सोलो आना रैयत की ओर से शासन संचालित किया जा है। इस अवसर पर छात्र-छात्राओं की ओर से करमा पर्व की शुरुआत कर्ममु धर्ममु के बारे में नृत्य गीत की ओर से प्रस्तुत किया। इस अवसर पर कॉलेज के कई छात्र-छात्राएं सम्मिलित हुए।

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हिन्दुस्थान समाचार / नीरज कुमार