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रांची, 7 अगस्त (हि.स.)। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के केंद्रीय महासचिव विनोद कुमार पांडेय ने आदिवासी अस्मिता के प्रतीक और दिशोम गुरु शिबू सोरेन को भारत रत्न की उपाधि देने की मांग की है। गुरुवार को प्रेस बयान जारी कर उन्होंने केंद्र सरकार से उक्त मांग की। उन्होंने कहा कि गुरुजी का जीवन संघर्ष, त्याग और जनसेवा की अद्वितीय मिसाल है और उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया जाना देश की लोकतांत्रिक चेतना को सम्मानित करने जैसा होगा।
पांडेय ने कहा कि दिशोम गुरु केवल एक राजनेता नहीं थे, बल्कि वे आदिवासी चेतना के वाहक, वंचितों के हक की बुलंद आवाज और सामाजिक क्रांति के प्रतीक थे। उन्होंने झारखंड के दूरदराज़ इलाकों में नशाखोरी और महाजनी प्रथा के खिलाफ जनांदोलन खड़ा कर नई सामाजिक चेतना जगाई। शिक्षा के क्षेत्र में उन्होंने निरंतर प्रयास किया। ताकि आदिवासी समाज ज्ञान के माध्यम से सशक्त हो सके।
उन्होंने कहा कि झारखंड को अलग राज्य का दर्जा दिलाने वाले ऐतिहासिक आंदोलन में गुरुजी की भूमिका केंद्रीय रही। केंद्र सरकार में कोयला मंत्री और राज्य सरकार में मुख्यमंत्री जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए उन्होंने हमेशा जनता के हितों को सर्वोपरि रखा। उनका संपूर्ण जीवन आदिवासी अस्मिता और सामाजिक समरसता के लिए समर्पित रहा।
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हिन्दुस्थान समाचार / Manoj Kumar