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लखनऊ, 5 अगस्त (हि.स.)। उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन (UPSDM) द्वारा 06 से 13 अगस्त तक “दिव्यांगजन रोजगार अभियान” आयोजित किया जा रहा है। इस पहल का उद्देश्य दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ना है।
अभियान के तहत प्रदेश के प्रत्येक जनपद में कौशल प्रशिक्षित एवं अन्य पात्र दिव्यांगजनों को सेवायोजन के अवसर प्रदान किए जाएंगे। इससे उनकी आजीविका को मजबूती मिलेगी और वे स्वावलंबन की राह पर अग्रसर होंगे।
तीन वर्षों में प्रशिक्षित दिव्यांगों को मिलेगा लाभ
प्रदेश के व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिलदेव अग्रवाल के निर्देशन में कौशल विकास मिशन ने दिव्यांगजनों को रोजगार से जोड़ने के लिए पहली बार ऐसी पहल की है। इसके अंतर्गत, विगत तीन वर्षों में आईटीआई, दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना एवं उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन से प्रशिक्षित दिव्यांगों की जनपदवार सूची तैयार कर जिला प्रशासन को उपलब्ध करा दी गई है, ताकि उनका स्थानीय उद्योगों में सीधा सेवायोजन सुनिश्चित हो सके।
मिशन निदेशक ने जारी किए स्पष्ट दिशा-निर्देश
UPSDM के मिशन निदेशक पुलकित खरे ने सभी जिलों के मुख्य विकास अधिकारियों, दिव्यांग सशक्तीकरण अधिकारियों, जिला उद्योग उपायुक्तों एवं समन्वयकों के साथ समीक्षा बैठक कर अभियान के संचालन हेतु विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार, वर्ष 2025-26 में सभी प्रशिक्षण लक्ष्यों में दिव्यांगजनों की भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है। इससे उन्हें सम्मानजनक जीवन और रोजगार का अवसर प्राप्त होगा।
दिव्यांग विश्वविद्यालयों और स्कूलों के लिए विशेष योजना
प्रदेश के दिव्यांग विश्वविद्यालयों और राजकीय संकेतक विद्यालयों के विद्यार्थियों को कोर्सवार मांग के अनुसार कौशल प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जा रहा है। “प्रोजेक्ट प्रवीण” कार्यक्रम के तहत कक्षा 9 से 12 तक के दिव्यांग विद्यार्थियों को कौशल विकास से जोड़ा जाएगा। इस अभियान में शामिल होने और रोजगार प्राप्त करने के इच्छुक दिव्यांगजन, अपने जनपद के दिव्यांगजन कल्याण अधिकारी कार्यालय से तत्काल संपर्क कर सकते हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. जितेन्द्र पाण्डेय