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जम्मू, 4 अगस्त (हि.स.)। शिवसेना (यूबीटी) जम्मू-कश्मीर ईकाई ने जनता के आह्वान पर जम्मू-कश्मीर के लिए अनुच्छेद 371 के तहत विशेषाधिकारों , पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग की है। इसके साथ ही पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे के माध्यम से इंडिया गठबंधन की दिल्ली बैठक में पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए आवाज उठाने और मोदी सरकार पर दबाव बनाने की अपील की है।
पार्टी के प्रदेश केंद्रीय कार्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता में प्रदेश अध्यक्ष मनीष साहनी ने कहा कि 7 अगस्त को दिल्ली में इंडिया गठबंधन की एक महत्वपूर्ण बैठक होने जा रही है। जिसमें पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे के शामिल होने का कार्यक्रम है। उद्धव ठाकरे और राहुल गांधी सहित इंडिया गठबंधन के कई प्रमुख नेताओं ने जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए आवाज उठाई है। साहनी ने कहा कि जनता के आवाहन पर पार्टी हाईकमान को एक लिखित अनुरोध में इंडिया गठबंधन की बैठक के दौरान जम्मू-कश्मीर के पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने होकर आवाज बुलंद करने की अपील की है।
साहनी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर मोदी सरकार के तानाशाही रवैये का ज्वलंत उदाहरण है। यह देश का पहला राज्य है जिसमें राज्य का दर्जा छीनकर केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया। जम्मू-कश्मीर को दो हिस्सों में बांट दिया गया और लेह-लद्दाख को अलग कर दिया गया।
6 साल पहले अनुच्छेद 370 को निरस्त करने पर, जम्मू-कश्मीर के लोगों को समग्र विकास, भारी निवेश, सरकारी नौकरी, शांति बहाली के वादों का झांसा दिया गया था। सभी उक्त दावे जमीनी स्तर पर धराशायी हो चुके हैं। आतंकवाद का तांडव आज भी बदस्तूर जारी है पहलगाम हमले सहित, वर्ष 2025 के मात्र 7 महीने और चार दिनों में लगभग 100 आतंकवादी घटनाएं हो चुकी हैं। कश्मीर के साथ-साथ जम्मू संभाग में भी आतंकवादियों ने फिर से पैर जमाना शुरू कर दिया है। नौकरियों के अभाव में युवा हताश होकर नार्को टेरर का आसान शिकार बन रहे हैं और नशे के दलदल में धंस रहे हैं। अपराधों का ग्राफ लगातार अपने चरम पर पहुँच रहा है।
सरकार के लापरवाह रवैये के कारण ऐसा लगता है कि जम्मू-कश्मीर के लोगों की भलाई देखने वाला कोई नहीं है।
साहनी ने जनता के आह्वान को ध्यान में रखते हुए मांग है कि जम्मू-कश्मीर को पूर्वोत्तर राज्यों की तर्ज पर अनुच्छेद 371 के तहत विशेषाधिकार कार्य जिसमें राज्य की सांस्कृतिक पहचान की सुरक्षा के साथ-साथ भूमि, नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में भुपुत्रों को प्राथमिकता सहित पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करना शामिल ह
हिन्दुस्थान समाचार / रमेश गुप्ता