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जम्मू, 4 अगस्त (हि.स.)। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ), क्षेत्रीय कार्यालय जम्मू ने प्रधानमंत्री विकसित भारत रोज़गार योजना पर केंद्रित दो जागरूकता सेमिनार आयोजित किए। ये कार्यक्रम जम्मू इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद, बनतलाब और रिसर्च एंड एमआईईआर, बीसी रोड जम्मू में आयोजित किए गए। इस पहल का उद्देश्य संस्थानों को योजना की विशेषताओं से अवगत कराना और रोज़गार सृजन के क्षेत्र में इसकी परिवर्तनकारी क्षमता को उजागर करना था।
सेमिनार का नेतृत्व देविंदर सिंह और बाल कृष्ण, प्रवर्तन अधिकारी, ने किया। उन्होंने योजना के उद्देश्य, लाभ और कार्यान्वयन रणनीति पर विस्तृत प्रस्तुति दी। योजना का लक्ष्य पहली बार नियोजित 1.92 करोड़ कर्मचारियों को लाभ पहुंचाना और पूरे भारत में 3.5 करोड़ से अधिक नए रोज़गार सृजित करना है, विशेष रूप से विनिर्माण क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करते हुए।
इस मौके पर योजना की संरचना और उद्देश्य पर विस्तृत जानकारी दी गई। इसके साथ ही नियोक्ताओं और कर्मचारियों दोनों के लिए लाभ, संचालन प्रक्रिया और अनुपालन ढांचा, औपचारिक रोज़गार को बढ़ावा देने में नियोक्ताओं की भूमिका आदि के बारे में भी विस्तृत चर्चा की गई। सेमिनार में 60–70 प्रमुख प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिनमें जम्मू इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद और रिसर्च के एमडी रविश शर्मा, सीईओ नितिन महाजन, चेयरपर्सन सुमन शर्मा और प्रशासनिक अधिकारी अमित कौल तथा एमआईईआर के निदेशक अदित गुप्ता, डिप्टी रजिस्ट्रार पी.पी. शर्मा और सहायक अधिकारी अरविंद कुमार शामिल थे। प्रतिभागियों ने ईपीएफओ की इस प्रयास की सराहना की और इसे नीतियों को व्यवहार में लाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम बताया।
नितिन महाजन और पी.पी. शर्मा ने इसे रोजगार सृजन और सामाजिक लाभों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर बताया। उन्होंने कहा कि यह योजना सही सोच और भागीदारी को प्रेरित कर सकती है। कार्यक्रम का इंटरएक्टिव फॉर्मेट और प्रस्तुति की स्पष्टता प्रतिभागियों को काफी उपयोगी लगी। ईपीएफओ, जम्मू ने भविष्य में और भी जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने की प्रतिबद्धता दोहराई, ताकि भारत के श्रमिक वर्ग के लिए समावेशी विकास और वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
हिन्दुस्थान समाचार / राहुल शर्मा