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रामगढ़, 31 अगस्त (हि.स.)।
दशलक्षण महापर्व के चौथे दिन उत्तम शौच धर्म की पूजा मेन रोड स्थित श्री दिगंबर जैन मंदिर और रांची रोड स्थित पारसनाथ जिनालय में की गई।
शौच धर्म के पूजन, जलाभिषेक धार्मिक अनुष्ठान किया गया। प्रातः काल से ही जैन श्रद्धालु बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़ पड़े, पूजन, जलाभिषेक की क्रियाएं रामगढ़ जिनालय में पंडित निवेश शास्त्री और रांची रोड जिनालय में पंडित पंकज शास्त्री के सानिध्य में संपन्न हुई।
शौच धर्म की विस्तृत जानकारी देते हुए दिगंबर जैन समाज के उपाध्यक्ष राजू पाटनी ने बताया कि शौच का अर्थ है पवित्रता अपने हृदय में मद क्रोधादिक बढ़ाने वाली जितनी भी दुर्भावनाएं हैं, उनमें सबसे प्रबल लोभ कषाय है, इस लोभ पर विजय पाना ही उत्तम शौच धर्म है।
इससे पूर्व उत्तम शौच धर्म के उपलक्षय में रामगढ़ जिनालय में प्रथम जलाभिषेक का सौभाग्य जीवनमल जैन, जम्बू पाटनी परिवार, पुष्पा अजमेरा परिवार, अशोक जैन, अमित काला परिवार, राजेंद्र चूड़ीवाल, राजेश चूड़ीवाल परिवार, मांगीलाल जैन, मनोज चूड़ीवाल एवं शांति धारा का सौभाग्य अशोक जैन, विकास रपरिया परिवार, पुष्पा अजमेरा को प्राप्त हुआ। रांची रोड जिनालय में प्रथम अभिषेक विनय जैन और शांति धारा का सौभाग्य मैना देवी सेठी परिवार को प्राप्त हुआ। दिगंबर जैन समाज के सचिव योगेश सेठी ने बताया कि दशलक्षण महापर्व के पांचवें दिन उत्तम संयम धर्म की पूजा की जाएगी। उन्होंने बताया कि सांयकाल भक्तिमय महाआरती का आयोजन भी नित्य किया जा रहा है। उपरोक्त जानकारी जैन समाज के मीडिया प्रभारी श्रवण जैन ने दी।
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हिन्दुस्थान समाचार / अमितेश प्रकाश