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जम्मू, 31 अगस्त (हि.स.)। नटरंग जम्मू ने रविवार को अपने नियमित संडे थियेटर सीरीज के अंतर्गत प्रो. मदन मोहन शर्मा द्वारा लिखित डोगरी नाटक डायरी कुसे लोकिनाथ दी का मंचन किया। नीरज कांत के निर्देशन में प्रस्तुत इस नाटक ने साबित किया कि प्रतिकूल मौसम भी कलाकारों की जिजीविषा और रंगमंच के प्रति नटरंग की प्रतिबद्धता को कमज़ोर नहीं कर सकता।
नाटक की कहानी एक डायरी पर केंद्रित है, जिसे लेखक का बेटा संयोगवश अपने घर लाता है। डायरी के आकर्षक आवरण से प्रभावित लेखक उसे पढ़ने लगता है और उसमें दर्ज लोकिनाथ का जीवन प्रसंग पाता है। यह जीवन कथा आम आदमी की रोज़मर्रा की स्थितियों से जुड़ाव पैदा करती है। प्रारंभ में निराश और आस्था खो चुके लोकिनाथ को बाद में अपनी ज़िंदगी में कुछ नया रोमांचक होने की उम्मीद रहती है। पैसों की कमी से जूझते हुए वह अपने बॉस के बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने लगता है। इस बीच उसकी मुलाकात बॉस की साली से होती है, जिससे प्रभावित होकर वह कई योजनाएँ बनाता है लेकिन साहस न जुटा पाने के कारण अंततः पीछे हट जाता है।
नाटक की सबसे विशेष बात इसकी भाषा रही, जिसने पूरे मंचन को जीवंत और रोचक बना दिया। लेखक की भूमिका में नीरज कांत ने उपयुक्त अभिव्यक्ति दी, जबकि पवन वर्मा ने लोकिनाथ के आंतरिक द्वंद्व को खूबसूरती से मंचित किया। प्रकाश और संगीत संचालन कार्तिक कुमार ने किया, जबकि समन्वय की जिम्मेदारी मोहम्मद यासीन ने निभाई। नटरंग के इस प्रदर्शन ने न केवल दर्शकों का मनोरंजन किया, बल्कि यह संदेश भी दिया कि रंगमंच की यह परंपरा हर परिस्थिति में जारी रहेगी और सांस्कृतिक समृद्धि को समाज तक पहुँचाती रहेगी।
हिन्दुस्थान समाचार / राहुल शर्मा