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उत्तर प्रदेश, 3 अगस्त (हि.स.)। उत्तर प्रदेश सरकार बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा से निपटने और प्रभावितों को तत्काल राहत पहुँचाने के लिए पूरी तरह सक्रिय है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर रविवार को प्रशासनिक तंत्र और मंत्रियों की टीमें लगातार प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्यों में जुटी हुई हैं। इसी क्रम में, प्रदेश के जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने जालौन जिले के बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया और पीड़ितों के बीच राहत सामग्री का वितरण किया।
जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने सबसे पहले जालौन और कालपी तहसील के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई निरीक्षण किया, जहाँ यमुना, पहूज और सिंध नदियों का बढ़ा जलस्तर कई गाँवों में जलभराव का कारण बना। इसके बाद वे रामपुरा विकासखंड के गाँव भिटौरा और कंजौसा पहुँचे, जहाँ उन्होंने 180 बाढ़ पीड़ित परिवारों को राहत किट वितरित की। इन किटों में चावल, आटा, दाल, आलू, तेल, नमक, मसाले, बिस्कुट, लाई, साबुन, सैनिटरी पैड, कपड़े, बाल्टी और तिरपाल जैसी आवश्यक वस्तुएँ शामिल थीं।
मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर सरकार बाढ़ प्रभावितों की मदद के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष बुंदेलखंड में सामान्य से अधिक वर्षा हुई, जिससे नदियों का जलस्तर बढ़ गया। हालाँकि, अब स्थिति नियंत्रण में है और अगले 48 घंटों में अधिकांश क्षेत्रों से पानी उतरने की उम्मीद है।
सरकार ने बाढ़ की संभावना को देखते हुए पहले से ही तैयारियाँ की थीं। प्रभावित गाँवों में राहत शिविर, स्कूल और पंचायत भवनों को अस्थायी आश्रय स्थल के रूप में चिह्नित किया गया है, जहाँ भोजन, पेयजल और चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध कराई गई हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीमें डायरिया, डेंगू और अन्य जलजनित बीमारियों की रोकथाम के लिए निरंतर काम कर रही हैं। पशुधन की सुरक्षा के लिए भी चारा और पशु चिकित्सा सेवाएँ सुनिश्चित की गई हैं।
जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि प्रशासन द्वारा सभी प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री पहुँचाई जा रही है, जिनमें से कुछ इलाकों में नावों के माध्यम से सहायता पहुँचाना आवश्यक हो गया है। उन्होंने कहा कि बाढ़ पीड़ितों के पुनर्वास और मुआवज़े की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। विशेष रूप से उन परिवारों के लिए योजनाएँ बनाई जा रही हैं, जो प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास पाने के बावजूद पैतृक घरों में रह रहे थे और अब बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / विशाल कुमार वर्मा