पीआईएल वापसी के लिए हमला करने पर उच्च न्यायालय गम्भीर, आरोपित तलब
इलाहाबाद हाईकाेर्ट


--एसएचओ के हेरफेर पर एसपी फतेहपुर से मांगा हलफनामा

प्रयागराज, 03 अगस्त (हि.स.)। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने फतेहपुर में बिंदकी तहसील के पहुर गांव में सरकारी गाटा में अवैध रूप से पेड़ काटने से सम्बंधित जनहित याचिका वापस लेने के लिए याची के भाई व अन्य परिवार जनों पर हमला करने को गम्भीरता से लिया है। कोर्ट ने हमले के आरोपित को 13 अगस्त को हाजिर होने का निर्देश दिया है। साथ ही एसपी फतेहपुर को आरोपी के नोटिस का तामीला सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने उन्हें कल्याणपुर थाना के एसएचओ द्वारा इस मामले में हेरफेर और पक्ष लेने के आरोप पर व्यक्तिगत शपथ पत्र प्रस्तुत करने को कहा है।

यह आदेश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने अधिवक्ता अमित सिंह परिहार की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। याची ने पूरक शपथपत्र दाखिल कर आरोप लगाया कि याचिका में विपक्षी नरेंद्र सिंह ने याची के भाई और परिवार के अन्य सदस्यों पर हमला किया। जब याची के परिवार वाले थाने गए, तो नरेंद्र सिंह जो आपराधिक प्रवृत्ति का व्यक्ति प्रतीत होता है, उसने पुलिस के साथ अपने सम्बंधों का उपयोग करके याची और शिकायतकर्ता के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी। जबकि याची की एफआईआर रात 11 बजे के बाद दर्ज की गई और नरेंद्र सिंह की एफआईआर को जानबूझकर शाम को दर्ज कराया गया। पूरक शपथ पत्र में यह भी कहा गया कि नरेंद्र सिंह अपराधी है और हत्या के एक मामले में आरोपित है।

कोर्ट ने कहा कि सबसे परेशान करने वाली बात यह है कि पूरक शपथ पत्र में यह आरोप लगाया गया है कि नरेंद्र अब भी याची के पिता, माता और भाई को धमकी दे रहा है और उनसे यह जनहित याचिका वापस लेने के लिए कह रहा है। याची ने यह भी कहा है कि इससे उनके पूरे परिवार को बहुत बड़ा खतरा होगा। कोर्ट ने कहा कि देश में कोई भी व्यक्ति किसी को भी अदालत जाने से रोक नहीं सकता है। यह न्याय पाने को प्रभावित करने वाली सबसे बड़ी बाधा है। इसलिए यह सबसे गम्भीर आपराधिक अवमानना है। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में कोई आदेश करने से पहले विपक्षी नरेंद्र सिंह को नोटिस दिया जाए और वह अगली सुनवाई की तिथि पर व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / रामानंद पांडे