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कोलकाता, 04 अगस्त (हि.स.) ।
कलकत्ता हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने संदेशखाली में तीन भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या के मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच के आदेश को बरकरार रखा है। जस्टिस जय सेनगुप्ता द्वारा 30 जून को दिए गए निर्देश को न्यायमूर्ति देबांशु बसाक और न्यायमूर्ति प्रसेनजीत विश्वास की खंडपीठ ने सोमवार को वैध ठहराया।
इससे पहले सिंगल बेंच ने सीबीआई के संयुक्त निदेशक को एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित कर मामले की जांच करने का निर्देश दिया था। इस आदेश को तृणमूल नेता शेख शाहजहां ने डिवीजन बेंच में चुनौती दी थी, लेकिन उन्हें राहत नहीं मिली।
यह मामला वर्ष 2019 के जून महीने का है, जब संदेशखाली इलाके के तीन भाजपा कार्यकर्ता—प्रदीप मंडल, सुकांत मंडल और देवदास मंडल—हिंसक हमले का शिकार हुए थे। आरोप है कि आठ जून को प्रदीप और सुकांत की हत्या कर दी गई, जबकि देवदास मंडल लापता हो गए। परिवार का दावा है कि देवदास की भी हत्या कर दी गई है।
इन हत्याओं के पीछे शेख शाहजहां और उसके सहयोगियों का हाथ होने के आरोप लगे थे। मृतक प्रदीप मंडल की पत्नी पद्मा मंडल और देवदास मंडल की पत्नी सुप्रिया मंडल गायेन ने न्याय के लिए अदालत का रुख किया था, जिसके बाद यह आदेश सामने आया।
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जांच में हुई गड़बड़ी, आरोपित का नाम हटाया गया था
शुरुआत में इस केस की जांच में शेख शाहजहां का नाम चार्जशीट में शामिल था, लेकिन जब मामला राज्य सीआईडी को सौंपा गया, तो उनके नाम को आरोपपत्र से हटा दिया गया। गौरतलब है कि वर्ष 2022 में भी एक हत्या के मामले में शाहजहां का नाम सामने आया था, हालांकि तब वह जमानत पर रिहा हो गया था।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर