रूस के सुदूर पूर्व में सैकड़ों वर्षों बाद ज्वालामुखी विस्फोट, 8.8 तीव्रता के भूकंप के कुछ दिन बाद फटा क्राशेनीन्निकोव
रूस के सुदूर पूर्वी क्षेत्र कामचटका प्रायद्वीप पर स्थित क्राशेनीन्निकोव ज्वालामुखी में विस्फोट


रूस के सुदूर पूर्वी क्षेत्र कामचटका प्रायद्वीप पर स्थित क्राशेनीन्निकोव ज्वालामुखी में विस्फोट


मॉस्को/कामचटका, 03 अगस्त (हि.स.)। रूस के सुदूर पूर्वी क्षेत्र कामचटका प्रायद्वीप पर स्थित क्राशेनीन्निकोव ज्वालामुखी में रविवार को अचानक विस्फोट हुआ। वैज्ञानिकों के अनुसार यह ज्वालामुखी करीब 600 वर्षों में पहली बार फटा है। विस्फोट कुछ ही दिन पहले आए 8.8 तीव्रता के विनाशकारी भूकंप के बाद हुआ, जिसने पूरे प्रशांत क्षेत्र को प्रभावित किया था।

कामचटका के क्रोनोत्स्की रिजर्व के कर्मचारियों ने बताया कि विस्फोट के दौरान ज्वालामुखी से 6 किलोमीटर (करीब 3.7 मील) ऊंचा राख का गुबार उठा, जो पूर्व दिशा में प्रशांत महासागर की ओर फैल गया। राज्य मीडिया द्वारा जारी तस्वीरों में घना राख का बादल ज्वालामुखी के ऊपर मंडराता दिखाई दिया।

कामचटका आपातकाल मंत्रालय ने टेलीग्राम पर जानकारी दी कि राख के फैलाव के रास्ते में कोई आबादी वाला क्षेत्र नहीं है और अब तक किसी बस्ती में राख गिरने की सूचना नहीं मिली है।

विस्फोट के दौरान क्षेत्र में 7.0 तीव्रता का भूकंप भी दर्ज किया गया, जिससे कामचटका के तीन इलाकों के लिए सुनामी की चेतावनी जारी करनी पड़ी। हालांकि बाद में रूस के आपात सेवा मंत्रालय ने चेतावनी हटा दी।

इतिहास में दर्ज पहली पुष्टि

कामचटका वोल्कैनिक इरप्शन रेस्पॉन्स टीम की प्रमुख ओल्गा गिरिना ने राज्य समाचार एजेंसी को बताया, “यह क्राशेनीन्निकोव ज्वालामुखी का 600 वर्षों में पहला ऐतिहासिक रूप से पुष्टि किया गया विस्फोट है।”

हालांकि, अमेरिका स्थित स्मिथसोनियन ग्लोबल वोल्केनिज्म प्रोग्राम के अनुसार इस ज्वालामुखी का आखिरी विस्फोट वर्ष 1550 में हुआ था, यानी करीब 475 वर्ष पहले। दोनों स्रोतों में विसंगति के बावजूद वैज्ञानिक इसे अत्यंत दुर्लभ और महत्वपूर्ण भूगर्भीय घटना मान रहे हैं।

टीम ने रविवार देर रात बताया कि ज्वालामुखी की सक्रियता अब घट रही है, लेकिन आने वाले समय में मध्यम स्तर की विस्फोटक गतिविधि जारी रह सकती है।

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हिन्दुस्थान समाचार / आकाश कुमार राय