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जम्मू, 28 अगस्त (हि.स.)। सिंधु जल संधि निलंबित रहने के बावजूद तवी नदी में बाढ़ के आसन्न खतरे के बारे में पाकिस्तान को सचेत करने का भारत सरकार का निर्णय भारत के वसुधैव कुटुम्बकम (विश्व एक परिवार है) के शाश्वत सिद्धांत का एक ज्वलंत प्रमाण है, भाजपा जम्मू-कश्मीर के मीडिया प्रभारी डॉ. प्रदीप महोत्रा ने कहा।
डॉ. प्रदीप महोत्रा ने कहा कि यह कदम भारत की गहरी सांस्कृतिक और वैचारिक अखंडता को दर्शाता है, जिसने हमेशा मानवीय मूल्यों को राजनीतिक या सैन्य शत्रुता से ऊपर रखा है। उन्होंने कहा कि 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकवादी हमले में भारतीय नागरिकों की हत्या के लिए पाकिस्तान के सीधे तौर पर जिम्मेदार होने और पाकिस्तान के राजनीतिक और सैन्य नेतृत्व के भड़काऊ बयानों के बावजूद, भारत ने सीमा पार निर्दोष लोगों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए सहानुभूतिपूर्वक कार्य करने का विकल्प चुना।
डॉ. प्रदीप ने याद दिलाया कि पहलगाम में हुए बर्बर आतंकवादी हमले जिसमें 26 लोग मारे गए थे और कई अन्य घायल हुए थे के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ जल विज्ञान संबंधी आँकड़े साझा करना बंद कर दिया था। उन्होंने आगे कहा कि फिर भी, जब मानवीय संकट का सामना करना पड़ा, तो भारत सरकार ने दुश्मनी से ऊपर उठकर समय पर चेतावनी जारी की जिससे पाकिस्तान में सैकड़ों लोगों की जान बच सकती थी।
डॉ. प्रदीप ने बताया कि यह निर्णय ऐसे समय में लिया गया है जब भारत स्वयं लगातार बारिश, जनहानि और महत्वपूर्ण बुनियादी ढाँचे को हुए व्यापक नुकसान से जूझ रहा है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि यह कार्रवाई केवल एक कूटनीतिक शिष्टाचार नहीं है, बल्कि यह भारत की सदियों पुरानी सभ्यतागत भावना का प्रतिबिंब है जो सर्वे भवंतु सुखिनः (सभी सुखी हों) में विश्वास करती है।
डॉ. प्रदीप महोत्रा ने ज़ोर देकर कहा कि जहाँ पाकिस्तान आतंकवाद और नफ़रत का निर्यात जारी रखे हुए है, वहीं भारत ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि उसकी ताकत करुणा, ज़िम्मेदारी और मानवीय मूल्यों में निहित है। उन्होंने भारत सरकार के सैद्धांतिक रुख की सराहना की, जिसने शांति, मानवता और विश्व बंधुत्व के पक्षधर राष्ट्र के रूप में भारत की वैश्विक छवि को मज़बूत किया है।
डॉ. प्रदीप ने आगे कहा कि दुनिया को इस विरोधाभास को समझना होगा कि जहाँ पाकिस्तान आतंकवाद पर अड़ा रहता है, वहीं भारत मानवता से जवाब देता है।
हिन्दुस्थान समाचार / रमेश गुप्ता