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रांची, 27 अगस्त (हि.स.)। ब्रह्माकुमारी संस्थान में बुधवार को गणेश चतुर्थी के अवसर पर बुधवार को आध्यात्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस मौके पर केन्द्र संचालिका ब्रह्माकुमारी निर्मला बहन ने गणेश चतुर्थी के आध्यात्मिक रहस्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गणपति का स्वरूप दिव्य कर्तव्यों और गहन आध्यात्मिक संदेशों का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि जब धरती पर अधर्म और पाप और व्याभिचार का समय आता है, तब निराकार शिव परमात्मा ज्ञानदान के लिए श्री गणेश का आवाहन कर ज्ञान का प्रसार करते हैं। भगवान गणेश, बुद्धि और ज्ञान के प्रतीक हैं, इसलिए वर्तमान समय में भी हमें गणपति की भांति बुद्धि और शक्ति को धारण करने की जरूरत है।
निर्मला बहन ने गणपति के विभिन्न प्रतीकों की व्याख्या करते हुए कहा कि हाथी का सिर विशाल बुद्धि का, बड़े कान ज्ञान ग्रहण करने की क्षमता का और बड़ी आंखें दूसरों की महानता को पहचानने का प्रतीक हैं। रस्सी और कुल्हाड़ी दैहिक बंधनों से मुक्ति और दिव्य नियमों को अपनाने के संकेत हैं। वहीं मोदक सफलता और तपस्या का प्रतीक है, जिसे ज्ञानवान व्यक्ति अपनी निःस्वार्थ खुशी के रूप में दूसरों के साथ बांटता है।
उन्होंने कहा कि गणपति की बैठक या आसान, ज्ञान-निष्ठ स्थिति को दर्शाती है, जिसमें संसार से जुड़े रहते हुए भी मन को परमात्मा में स्थिर किया जा सकता है। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / Manoj Kumar