सामूहिकता और सांस्कृतिक परंपराओं का प्रतीक है करमा पर्व : शिवा
रांची, 27 अगस्त (हि.स.)। केंद्रीय सरना संघर्ष समिति की ओर से बुधवार को कांके रोड स्थित समिति कार्यालय में करम पूजा की तैयारियों को लेकर बुधवार को बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता समिति के प्रदेश अध्यक्ष शिवा कच्छप ने की। इस अवसर पर कच्छप ने कह
बैठक में बोलते शिव कच्छप समेत अन्य


रांची, 27 अगस्त (हि.स.)। केंद्रीय सरना संघर्ष समिति की ओर से बुधवार को कांके रोड स्थित समिति कार्यालय में करम पूजा की तैयारियों को लेकर बुधवार को बैठक आयोजित की गई।

बैठक की अध्यक्षता समिति के प्रदेश अध्यक्ष शिवा कच्छप ने की। इस अवसर पर कच्छप ने कहा कि करम पूजा आदिवासी समाज का सबसे महत्वपूर्ण और प्रकृति से जुड़ा त्योहार है। भादो एकादशी को मनाया जाने वाला यह पर्व सामूहिकता और सांस्कृतिक परंपराओं का प्रतीक है। पूजा के दौरान अखड़ा में विधि-विधान से करमदेव की स्थापना की जाएगी। परंपरा के अनुसार पहान करम कथा सुनाएंगे। वहीं अखड़ा में ढोल-नगाड़ा और मांदर की थाप पर नृत्य कर सामूहिक उत्सव का आनंद लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि करमदेव की पूजा अनादि प्रार्थना के साथ शुरू होगी।

उन्होंने कार्यक्रम की तिथियों की जानकारी देते हुए बताया कि तीन सितंबर को उपवास और रात्रि पूजा, चार सितंबर को परना और पांच सितंबर को करमा विसर्जन का आयोजन किया जाएगा। इस अवसर पर समिति ने जिला प्रशासन से अपील किया कि शहर के सभी वार्डों के अखड़ा की समय रहते सफाई कराई जाए, ताकि श्रद्धालु स्वच्छ वातावरण में पूजा-अर्चना कर सकें।

बैठक में शोभा तिर्की, सुनिता उरांव, संगीता गाड़ी, पिंकी उरांव, सती तिर्की, अनिता उरांव, बसंती कुजूर, कोइली उरांव, भानु उरांव, वृधी उरांव सहित अन्य सदस्य मौजूद थे।

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हिन्दुस्थान समाचार / Manoj Kumar