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कठुआ 27 अगस्त (हि.स.)। जम्मू-कश्मीर के जिला कठुआ के पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही बारिश की वजह से रावी दरिया का जलस्तर अचानक बढ गया और तीन रावी दरिया पर बने विभिन्न बांधों से कई हजार कयूसेक पानी को एक साथ छोड़ जाने के बाद जम्मू कश्मीर के प्रवेश द्वार लखनपुर और निचले इलाके जलमग्न हो गए। जिस समय बांध से पानी छोड़ गया उस समय लोग सो रहे थे, तभी लोगों के घरों में पानी गुस गया और अफरातफरी का माहौल बन गया।
मंगलवार की देर रात को रणजीत सागर बांध से छोड़े गए हजारों क्यूसेक पानी की वजह से रवि का जलस्तर बढ़ गया। जम्मू कश्मीर और पंजाब को जोड़ने वाले रावी नदी पर बने पुल के समीप पंजाब सिंचाई विभाग के बैराज के फाटक न खुलने के कारण पानी का रुख लखनपुर के रिहायशी इलाकों की ओर मुड़ गया और देखते ही देखते पूरा लखनपुर जलमग्न हो गया जिसके बाद रात को लखनपुर में अफरातफरी का माहौल बन गया।
इसी बीच कुछ लोगों ने बांध टूटने तक की अफवाह फैला दी। रात को लखनपुर और आसपास के लोग अपने घर छोड़कर भागने लगे। इसके बाद जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन की टीम ने हालात पर काबू पाते हुए लोगों को समझाया। वही धीरे-धीरे पानी लोगों के घरों की ओर बढ़ने लगा, कई लोगों के घरों के अंदर दो से तीन फीट तक पानी घुस गया। इसके बाद लोग सुरक्षित स्थानों पर निकले। स्थानीय लोगों का कहना था कि पंजाब सिंचाई विभाग की नाकामी की वजह से लखनपुर जलमग्न हुआ है। उन्होंने कहा कि करीब 37 वर्षों के बाद रावी दरिया में इतना पानी देखा गया। उन्होंने बताया कि पंजाब सिंचाई विभाग के बैराज पर करीब 30 फाठक बने हैं लेकिन विभाग की नाकामी की वजह से मात्र आठ से दस फाटक की खुले थे। इसके बाद पानी का बहाव रुक गया और सारा पानी लखनपुर के बीचोबीच निकलने वाली कश्मीर कनाल की ओर घुस गया जिसके कारण साथ लगते सीआरपीएफ कैंप में कई जवान फंस गए, जिन्हें सुबह सेना के हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू कर सुरक्षित बाहर निकल गया था।
जिला विकास परिषद कार्यालय की इमारत भी चपेट में आ गई सीआरपीएफ जवानों के रिहायशी मकान क्षतिग्रस्त हो गए। वहीं जम्मू से पंजाब की ओर जाने वाले पुल का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है। स्थानीय लोगों ने इस पूरे नुकसान का जिमा पंजाब सिंचाई विभाग पर थोपा है। उन्होंने कहा कि अगर समय रहते उनके फाटक खुले होते तो पानी दरिया में ही बेहता ना कि रिहायशी इलाकों की ओर मुड़ता।
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हिन्दुस्थान समाचार / सचिन खजूरिया