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श्रीनगर 25 अगस्त (हि.स.)। स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा, स्कूली शिक्षा, उच्च शिक्षा और समाज कल्याण मंत्री सकीना इत्तू ने जम्मू-कश्मीर में नशा मुक्ति के ज्वलंत मुद्दे पर हितधारकों की अपनी तरह की पहली बैठक की अध्यक्षता की।
शेर-ए-कश्मीर कन्वेंशन सेंटर में आयोजित इस बैठक में समाज कल्याण विभाग के आयुक्त सचिव, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा सचिव, पुलिस अपराध शाखा के उपमहानिरीक्षक, जम्मू/कश्मीर के स्कूली शिक्षा निदेशक, कश्मीर के स्वास्थ्य सेवा निदेशक, महाविद्यालयों के निदेशक, डिग्री कॉलेजों के प्रधानाचार्य, मुख्य शिक्षा अधिकारी, क्षेत्रीय शिक्षा अधिकारी, स्कूल प्रमुख, गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि, डॉक्टर, विशेषज्ञ, नागरिक समाज के सदस्य और अन्य हितधारक व्यक्तिगत रूप से और वर्चुअल माध्यम से उपस्थित थे।
बैठक के दौरान प्रतिभागियों ने जम्मू-कश्मीर में बच्चों और युवाओं में नशीली दवाओं के दुरुपयोग में बेतहाशा वृद्धि पर गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने नशीले पदार्थों और मनोविकार नाशक पदार्थों की खासकर स्कूलों, कॉलेजों और अन्य संवेदनशील इलाकों में, आसानी से उपलब्ध होने की ओर ध्यान दिलाया। पाठ्यक्रम में प्रशिक्षण मॉड्यूल शामिल करने, संरचनात्मक तंत्र स्थापित करने और वैज्ञानिक जागरूकता अभियान चलाने के सुझाव दिए गए। पुनर्वास के दौर से गुजर रहे कई मादक पदार्थों के उपयोगकर्ताओं ने भी अपनी व्यक्तिगत कहानियाँ साझा कीं, बताया कि कैसे वे नशे की लत में फँस गए और इससे उबरने में उन्हें किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा।
बैठक को संबोधित करते हुए मंत्री सकीना ने दिखावटी जागरूकता से सार्थक कार्रवाई की ओर बढ़ने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि जागरूकता कार्यक्रमों को भाषणों से आगे बढ़ना होगा। अगर हम ऐसी पहलों के माध्यम से एक भी बच्चे को बचा पाते हैं तो यह समाज के लिए एक महत्वपूर्ण योगदान होगा।“
मंत्री ने घोषणा की कि गतिविधियों पर नज़र रखने और अवैध नशीली दवाओं के प्रसार को रोकने के लिए स्कूलों और कॉलेजों के आसपास सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य किया जाएगा। उन्होंने शिक्षा विभाग द्वारा सहायता प्रदान की जाने वाली सामुदायिक निगरानी समितियों के गठन का भी आह्वान किया जिसमें माता-पिता, नागरिक समाज के सदस्य और धार्मिक नेता शामिल हों।
उन्होंने निर्देश दिया कि ये समितियाँ अपनी गतिविधियों और प्रभाव पर स्कूल शिक्षा और उच्च शिक्षा निदेशकों को मासिक रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
मंत्री ने कमजोर छात्रों का शीघ्र पता लगाने और समय पर परामर्श देने के लिए कॉलेजों और स्कूलों में नियमित स्वास्थ्य और व्यवहार संबंधी जाँच के महत्व पर भी ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि अगर हम सामूहिक रूप से निगरानी, सामुदायिक भागीदारी और जाँच को लागू करें तो मुझे विश्वास है कि हम नशीली दवाओं के खतरे से निपटने में सार्थक प्रगति कर सकते हैं।
मंत्री ने आश्वासन दिया कि सरकार नशामुक्ति के क्षेत्र में काम करने वाले संस्थानों, नागरिक समाज और गैर सरकारी संगठनों को पूर्ण समर्थन देगी और उन्होंने सभी हितधारकों से जम्मू-कश्मीर के युवाओं के भविष्य की रक्षा के लिए निकट समन्वय में काम करने का आग्रह किया।
हिन्दुस्थान समाचार / सुमन लता