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श्रीनगर 25 अगस्त (हि.स.)। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने समाज के सभी वर्गों के कल्याण के प्रति सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता दोहराई और कहा कि यह सरकार की मुख्य ज़िम्मेदारी है, न कि केवल दान का कार्य।
एसकेआईसीसी में ‘‘समुदायों का सशक्तिकरण-सभी के लिए कल्याण“ विषय पर एक दिवसीय कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने इस बात पर ज़ोर दिया कि कल्याणकारी पहलों को समाज के सबसे वंचित वर्गों तक पहुँचने के लिए डिज़ाइन किया जाना चाहिए, न कि केवल कुछ विशेषाधिकार प्राप्त लोगों को लाभ पहुँचाने के लिए।
उन्होंने समावेशी विकास के महत्व पर ज़ोर देते हुए कहा कि सरकार की नीतियों का उद्देश्य समुदायों को सशक्त बनाना और समान विकास सुनिश्चित करना है।
उन्होंने जम्मू-कष्मीर समाज कल्याण विभाग द्वारा शेर-ए-कश्मीर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र में आयोजित “समुदायों का सशक्तिकरण-सभी के लिए कल्याण“ विषय पर एक दिवसीय कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बात कही।
समावेशी विकास के प्रति अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन लोगों के पास पहले से ही संसाधन, शिक्षा और अच्छा स्वास्थ्य है, उन तक योजनाएँ पहुँचाना आसान है लेकिन शासन की असली परीक्षा गरीबों, कमजोर वर्गों और दूर-दराज के ग्रामीण इलाकों में रहने वालों तक पहुँचने में है।
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि सामाजिक कल्याण योजनाएँ न तो उपकार हैं और न ही उदारता के कार्य। ये उन नागरिकों का हक़ हैं जो दूसरों की तुलना में ज़्यादा कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। जो भी सरकार इनकी अनदेखी करती है या सिर्फ़ विशेषाधिकार प्राप्त वर्गों पर ध्यान केंद्रित करती है, वह अपने कर्तव्य से चूक जाती है।
मुख्यमंत्री ने ज़ोर देकर कहा कि उनके कार्यकाल की शुरुआत से ही उनके मंत्रिमंडल, विशेषकर समाज कल्याण मंत्री सकीना इत्तू ने कमज़ोर और वंचित वर्गों को प्राथमिकता देने के लिए ईमानदारी से काम किया। उन्होंने आगे कहा कि हम जानते थे कि हम रातोंरात सब कुछ नहीं बदल सकते। लेकिन जैसा कि कहावत है, बूँद-बूँद मिलकर सागर बन जाती है। हमारी कोशिश हमेशा वहीं से शुरुआत करने की रही है जहाँ ज़रूरत सबसे ज़्यादा है।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने दान-आधारित कल्याण से अधिकार-आधारित दृष्टिकोण की ओर सरकार के बदलाव को रेखांकित किया जिससे यह सुनिश्चित होता है कि लाभ उन लोगों तक पहुँचें जिन्हें इसकी सबसे ज़्यादा ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि सामाजिक सुरक्षा के उपाय उपकार नहीं हैं बल्कि सामाजिक-आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहे नागरिकों के वाजिब हक़ हैं।
मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार की कई प्रमुख पहलों पर प्रकाश डाला जिनमें आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की लड़कियों के लिए बढ़ी हुई विवाह सहायता, 10 लाख से अधिक लाभार्थियों की पेंशन में वृद्धि और महिलाओं की गतिशीलता व सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए मुफ्त सार्वजनिक परिवहन सुविधाओं का प्रावधान शामिल है।
उन्होंने 500 आंगनवाड़ी केंद्रों को सक्षम केंद्रों और बाल विद्यालयों में उन्नत करने के बारे में भी बताया जिन्हें एकीकृत बाल विकास, शिक्षा और पोषण सेवाएँ प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसके अतिरिक्त ज़रूरतमंद महिलाओं और बच्चों को संस्थागत देखभाल और सुरक्षा प्रदान करने के लिए शक्ति सदन और वात्सल्य सदन जैसी नई सुविधाएँ स्थापित की गईं।
उमर अब्दुल्ला ने कल्याणकारी प्रयासों में कॉर्पोरेट भागीदारी बढ़ाने का भी आह्वान किया। स्कूटर और सहायक उपकरणों के वितरण जैसी योजनाओं का ज़िक्र करते हुए, उन्होंने स्वीकार किया कि वित्तीय सीमाएँ कभी-कभी लाभ मिलने में देरी करती हैं लेकिन इस बात पर ज़ोर दिया कि बड़े व्यवसायों से कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत मिलने वाली धनराशि सरकारी प्रयासों में सहायक हो सकती है।
उन्होंने कहा कि एक और बड़ी चुनौती दूरदराज के इलाकों में सरकारी योजनाओं के बारे में जागरूकता की कमी है। मुख्यमंत्री ने ज़ोर देकर कहा कि यह अनुचित होगा अगर एक ज़िले के लोग किसी योजना का लाभ उठाएँ जबकि दूसरे ज़िले के लोग वंचित रहें। सरकार जम्मू-कश्मीर के सभी ज़िलों और सभी समुदायों की है। कल्याणकारी लाभ राज्य के हर कोने तक पहुँचना चाहिए।
उन्होंने शिक्षा ऋण और छात्रवृत्ति की सफलता की कहानियों पर प्रकाश डाला जिससे कई छात्र उच्च शिक्षा प्राप्त कर पाए हैं और कुछ तो डॉक्टर भी बन गए हैं। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हमें यही प्रयास करना चाहिए कि आम लोगों के दैनिक जीवन को बेहतर बनाने के लिए योजनाओं का उपयोग किया जाए। मेरा मानना है कि यही किसी भी सरकार की सर्वोच्च ज़िम्मेदारी है।
मुख्यमंत्री ने सामाजिक कल्याणकारी पहलों और योजनाओं को प्रदर्शित करने वाली एक प्रदर्शनी का उद्घाटन किया और अपने-अपने क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देने वाले व्यक्तियों को सम्मानित किया। उन्होंने महिलाओं और वंचित समूहों के लिए ऋण भी स्वीकृत किए। दिव्यांगजनों को कृत्रिम अंग और स्कूटी प्रदान करने के अलावा उन्होंने समावेशी सशक्तिकरण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
उन्होंने लाभार्थियों और उपलब्धि हासिल करने वालों को मोटर चालित साइकिलों की चाबियाँ, स्वीकृति पत्र और प्रशंसा पट्टिकाएँ वितरित कीं।
इस अवसर पर बोलते हुए समाज कल्याण मंत्री सकीना इत्तू ने कहा कि उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में कमज़ोर, दलित और बुजुर्ग नागरिकों की ज़रूरतों को पूरा करने पर विशेष ध्यान दिया गया। उनके पिछले कार्यकाल के दौरान वृद्धावस्था और विधवा पेंशन में उल्लेखनीय वृद्धि की गई थी और वर्तमान कार्यकाल में इसे और बढ़ाया गया है। उन्होंने महिला-केंद्रित योजनाओं पर भी प्रकाश डाला।
हिन्दुस्थान समाचार / बलवान सिंह