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रांची, 25 अगस्त (हि.स.)। विधानसभा में पेश सीएजी की रिपोर्ट में कहा गया है कि आईएफएमएस डेटाबेस के डेटा विश्लेषण में देखा गया है कि 344 मामलों में, कोषागारों की ओर से डीसीआरजी/सीवीपी की प्राधिकृत स्वीकार्य राशि के विरुद्ध पेंशनभोगियों को कुल 11 करोड़ रुपए का अधिक भुगतान किया गया।
सीएजी रिपोर्ट में कहा गया है कि पेंशन के 344 मामलों को संबंधित 29 कोषागारों के पास उपलब्ध पंजियों/अभिलेखों के साथ सत्यापित किया और गहालेखाकार (लेखा और हक्) को भेजे गए वाउचर/कोषागार अनुसूचियों के साथ इसकी पुष्टि भी की। इन 344 मामलों में से 47 मामलों में, लेखापरीक्षा ने, आईएफएमएस में कमजोर एप्लीकेशन नियंत्रण के कारण 2.03 करोड़ मूल्य के मृत्यु-सह-सेवानिवृत्ति उपदान (डीसीआरजी) और पेंशन का रूपांतरित मूल्य (सीवीपी) के अधिक भुगतान के मामले दिखाई दिए।
इसके अनुसार दो मामलों में एक ही प्राधिकार आदेश के विरुद्ध एक पेंशनभोगी को किए गए दो बार भुगतान, 12 मामलों में एक पेंशनभोगी को किसी अन्य पेंशनभोगी के प्राधिकार आदेश के विरुद्ध किए गए भुगतान और 33 मामलों में त्रुटिपूर्ण बिल/भुगतान सूचना तैयार करने के कारण हुए थे।
24.80 लाख का अधिक खर्च किया
साथ ही 30 मामलों में डीसीआरजी/सीवीपी के भुगतानों में टीडीएस की राशि को त्रुटिपूर्ण तरीके से जोड़ने के कारण 24.80 लाख का अधिक खर्च किया गया। वहीं आईएफएमएस में दोषपूर्ण सत्यापन नियंत्रण के कारण 2017-2022 के दौरान परिवहन, राजस्व, निबंधन और भूमि सुधार, जल संसाधन विभाग में 4.40 करोड़ रुपए के राजस्व की कम वसूली हुई, क्योंकि प्रणाली ने उन राशियों से कमतर राशि जमा किया था, जिसके लिए चालान जारी किया गया था।
वर्ष 2017-23 के दौरान छह डीडीओ की ओर से आवंटन से 1.24 करोड़ रुपए अधिक खर्च किया गया और 13 डीडीओ ने विभिन्न लेखा शीर्षों के अंतर्गत बिना किसी आवंटन के 34.33 करोड़ रुपये का खर्च किया गया।
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हिन्दुस्थान समाचार / Vinod Pathak