जम्मू कश्मीर केंद्र शासित पुस्तकालय सलाहकार सह क्रय समिति की चौथी बैठक श्रीनगर में आयोजित
श्रीनगर, 25 अगस्त (हि.स.)। पुस्तकालय एवं अनुसंधान निदेशक रुबीना कौसर ने आज कहा कि विभाग जम्मू-कश्मीर के सार्वजनिक पुस्तकालयों में पाठकों की बढ़ती संख्या के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए इन पुस्तकालयों में बुनियादी ढाँचे के उन्नयन पर नए सिरे से ध्यान क
जम्मू कश्मीर केंद्र शासित पुस्तकालय सलाहकार सह क्रय समिति की चौथी बैठक श्रीनगर में आयोजित


श्रीनगर, 25 अगस्त (हि.स.)। पुस्तकालय एवं अनुसंधान निदेशक रुबीना कौसर ने आज कहा कि विभाग जम्मू-कश्मीर के सार्वजनिक पुस्तकालयों में पाठकों की बढ़ती संख्या के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए इन पुस्तकालयों में बुनियादी ढाँचे के उन्नयन पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित कर रहा है।

पुस्तकालय एवं अनुसंधान निदेशक ने आज यहाँ जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश स्तरीय पुस्तकालय सलाहकार-सह-क्रय समिति (यूटीएलएलएसीपीसी) की चौथी बैठक में अपने उद्घाटन भाषण में कहा यह जानकर खुशी हो रही है कि हाल ही में हम जम्मू-कश्मीर में पठन संस्कृति के बड़े पैमाने पर पुनरुत्थान को देख रहे हैं, जहाँ उत्सुक पाठक, विशेष रूप से युवा, एक सहज वातावरण में अध्ययन करने के लिए सार्वजनिक पुस्तकालयों की ओर रुख कर रहे हैं।

जम्मू-कश्मीर में सार्वजनिक पुस्तकालयों के पुनरुद्धार के लिए महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श करने और वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए विभाग द्वारा खरीद हेतु पुस्तकों के चयन को अंतिम रूप देने के लिए पुस्तकालय एवं अनुसंधान विभाग द्वारा हाल ही में किए गए प्रयासों की सराहना करते हुए रुबीना ने इस संबंध में जम्मू-कश्मीर सरकार और राजा राममोहन राय पुस्तकालय फाउंडेशन (आरआरआरएलएफ) द्वारा दिए गए सहयोग की सराहना की।

उन्होंने कहा हम विशेष रूप से आरआरआरएलएफ के महानिदेशक प्रोफेसर ए.पी. सिंह के आभारी हैं जिन्होंने जम्मू-कश्मीर में पुस्तकालय के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए उनके अथक समर्थन और व्यक्तिगत ध्यान दिया है।

उन्होंने कहा कि हालांकि, इस महत्वपूर्ण सामाजिक क्षेत्र में, विशेष रूप से बुनियादी ढांचे के मोर्चे पर, अभी भी और सुधार की बहुत गुंजाइश है क्योंकि जम्मू-कश्मीर के अधिकांश पुस्तकालयों में फर्नीचर, पेयजल, शौचालय, आईटी बुनियादी ढांचे और दिव्यांगों के लिए सुविधाओं जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव है।

उन्होंने कहा कि सार्वजनिक पुस्तकालयों में आने वाले लोगों की संख्या में भारी वृद्धि ने पुस्तकालय संसाधनों पर भारी दबाव डाला है और पाठकों की बढ़ती माँग को पूरा करने के लिए बुनियादी ढाँचे को उन्नत करने की सख़्त ज़रूरत है। उन्होंने कहा ज़्यादातर सार्वजनिक पुस्तकालयों में पढ़ने के स्थान इस समय अपनी पूरी क्षमता से भरे हुए हैं और पर्याप्त सुविधाओं वाले और अधिक पढ़ने के स्थान बनाने की माँग है।

हिन्दुस्थान समाचार / बलवान सिंह