सूर्या फर्जी इनकाउंटर के खिलाफ आदिवासी संगठनों का राजभवन मार्च, की सीबीआई जांच की मांग
रांची, 23 अगस्त (हि.स.)। विभिन्न आदिवासी संगठनों की ओर से सूर्य नारायण हांसदा के फर्जी इनकाउंटर के खिलाफ शनिवार को राजभवन के पास आक्रोश मार्च निकाला गया। मौके पर आदिवासी संगठनों ने राज्‍यपाल को ज्ञापन सौपकर मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग
राजभवन मार्च करते आदिवासी संगठनों के नेता कार्यकर्ता


रांची, 23 अगस्त (हि.स.)। विभिन्न आदिवासी संगठनों की ओर से सूर्य नारायण हांसदा के फर्जी इनकाउंटर के खिलाफ शनिवार को राजभवन के पास आक्रोश मार्च निकाला गया।

मौके पर आदिवासी संगठनों ने राज्‍यपाल को ज्ञापन सौपकर मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की। इस अवसर पर सभी सदस्‍यों ने सरकार और सिस्‍टम के खिलाफ जमकर नारे लगाए। उपस्थित लोगों ने पुलिस शासन की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए सूर्या के लिए इंसाफ की गुहार लगाई।

मौके पर ‍केन्द्रीय सरना समिति के महासचिव महादेव टोप्पो ने कहा कि गोड्डा में आदिवासी नेता सूर्यनारायण हांसदा का फर्जी एनकाउंटर किया गया। यह किसी भी स्थिति में सही नहीं है। पूरा प्रदेश आक्रोशित है। गोड्डा पुलिस प्रशासन ने संदिग्ध परिस्थितियों में सूर्या की निर्मम हत्या कर दी।

मिशनरी संस्‍थाओं का विरोध करते थे सूर्या : जगलाल

कार्यक्रम के मुख्य संयोजक मुख्य पहान जगलाल पहान ने कहा कि सूर्य नारायण हांसदा सदैव आदिवासी समाज की आवाज उठाते थे। सरकार, मिशनरी और जमीन माफियाओं की ओर से किए जा रहे गैर कानूनी कार्यों का हमेशा विरोध करते थे। वे हमेशा आदिवासी हक, अधिकार, शिक्षा, भूमि सुरक्षा, युवाओं के भविष्य, रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ आवाज उठाते थे। समाज में उनकी छवि एक स्वच्छ नेता और एक जननायक की थी। लेकिन प्रशासन और कुछ प्रभावशाली व्‍यक्ति उनके संघर्ष और जन समर्थन से घबराने लगे थे। सबों की मिलीभगत से उन्हें एक षड्यंत्र के तहत, फर्जी मुठभेड़ दिखाकर, मौत के घाट उतार दिया गया।

ट्राई फर्स्ट की संयोजक आरती कूजूर ने कहा कि यह घटना न केवल मानव अधिकार का उल्लंघन है। बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों पर भी गहरा आघात और आदिवासी संस्कृति के जड़ों पर कुठाराघात है। उन्‍होंने कहा कि झारखंड के सभी आदिवासी मूलवासी, झारखंड समाज इस फर्जी एनकाउंटर का विरोध करती है।

पूरी तरह से फर्जी है सूर्या हांसदा का एनकाउंटर

केन्द्रीय सरना समिति के अध्यक्ष बबलू मुंडा ने कहा कि सूर्या हांसदा का इनकाउंटर पूरी तरह से फर्जी है। सरकार और पुलिस प्रशासन की मिलीभगत के तहत सूर्या हांसदा की निर्मम हत्या की गई है। यह मामला केवल एक व्यक्ति या परिवार का नहीं बल्कि पूरे आदिवासी समाज के सम्मान, अधिकार और न्याय की लड़ाई है। यदि निर्दोष व्यक्ति की हत्या को प्रशासनिक संरक्षण दिया जाएगा तो समाज का लोकतंत्र और न्यायपालिका से भरोसा उठ जाएगा। पूरा आदिवासी, झारखंडी समाज इसका विरोध करती है और इस फर्जी इनकाउंटर की सीबीआई जांच की मांग करती है।

वहीं प्रदर्शन से पूर्व सभी संगठनों के लोग, रांची जिला स्कूल मैदान में एकजूट हुए और जुलूस की शक्ल में राजभवन पहुंचे। जुलुस में शामिल लोगों ने सूर्य हांसदा के फर्जी इनकाउंटर की सीबीआई जांच करो, सूर्यनारायण हांसदा को न्याय दो, सूर्यनारायण हांसदा की हत्या में संलिप्त पुलिस पदाधिकारी को तत्काल निलंबित कर, उनके खिलाफ कठोर दंडात्मक कार्रवाई करने की मांग पर नारे लगा रहे थे। साथ ही मृतक के परिजनों एवं परिवार को सुरक्षा देने, फर्जी मुकदमा निरस्त करने, सरकार सूर्य हांसदा द्वारा संचालित विद्यालय के बच्चों की शिक्षा एवं जरूरत की जिम्मेदारी उठाएं जाने, मृतक के परिजनों को पर्याप्त मुआवजा देने की सहित अन्‍य मांगें उठाई गई।

कार्यक्रम में पूर्व विधायक रामकुमार पहान, केन्द्रीय सरना समिति अध्यक्ष बबलू मुंडा, मुख्य पहान जगलाल पहान, महादेव टोप्पो, सुरेन्द्र लिंडा, आरती कूजूर, रितेश उरांव, संदीप उरांव, सोमा उरांव, रवि मुंडा, रितेश रंजीत उरांव, बिरसा पहान सहित सैकड़ों आदिवासी समाज के लोग मौजूद थे।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / Manoj Kumar