झारखंड की नदियों की सफाई और शहरों को हरा-भरा रखने पर हुई चर्चा
रांची, 22 अगस्त (हि.स.)। राज्य के पांच शहरों से गुजरनेवाली नदियों के प्रबंधन, जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण को लेकर 20 अगस्त से शुरू हुए तीन दिनों तक आयोजित कार्यशाला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम शुक्रवार को संपन्न हुआ। रांची के एक होटल में आयोजित इस कार्यक
नदियों के प्रबंधन, जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण कार्यशाला में मौजूद अतिथि


रांची, 22 अगस्त (हि.स.)। राज्य के पांच शहरों से गुजरनेवाली नदियों के प्रबंधन, जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण को लेकर 20 अगस्त से शुरू हुए तीन दिनों तक आयोजित कार्यशाला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम शुक्रवार को संपन्न हुआ।

रांची के एक होटल में आयोजित इस कार्यक्रम में रांची, आदित्यपुर, धनबाद, चास और साहिबगंज एवं राजमहल नगर निकाय के अधिकारियों ने हिस्सा लिया।

कार्यक्रम में नदियों के प्रबंधन में किन किन बातों पर ध्यान रखकर कार्यक्रम और योजना तैयार करना है। इसकी जानकारी दी गई। इस योजना को सफल बनाने के लिए केंद्र सरकार की संस्था ऱाष्ट्रीय नगर कार्य संस्थान, नई दिल्ली नें एक कंपनी (एलुवियम) का चयन किया है जो नगर निकायों के साथ मिलकर योजना चिन्हित करेगी और आगे इसपर कार्य किया जाएगा।

शहर की चुनौतियों से टीम को कराया अवगत

तीन दिवसीय कार्यक्रम में पहले दिन को राज्य के सभी विभाग के पदाधिकारियों और संबंधित नगर निकायों के नगर प्रशासकों और कार्यपालक पदाधिकारियों ने अपने अपने शहर की चुनौतियों से टीम को अवगत कराया। नमामि गंगे की टीम और राज्य सरकार की ओर से नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव सुनिल कुमार ने इस कार्यक्रम के पीछे राज्य सरकार और केंद्र सरकार की परिकल्पना से लोगों को अवगत कराया। उन्होंरने आश्वस्त किया कि अब हर शहरी विकास और पथ निर्माण की योजना के निर्धारण से पहले उस क्षेत्र में आनेवाली नदी के आसपास के विकास की योजना भी सम्मिलित होगी और एकीकृत योजना तैयार होगा।

सत्र के दूसरे और तीसरे दिन शहरी नदी प्रबंधन को लेकर विभिन्न चुनौतियों और उनके समाधान एवं क्या करें और क्या नहीं करें इसका प्रशिक्षण दिया गया।

कार्यशाला के प्रमुख बिन्दु

- नदियों के विकास के दौरान रिवर बैंक और रिवर फ्रंट का विकास किया जाएगा।

- विकास के दौरान नदी के किनारे बसे लोगों की आजीविका का भी ख्याल रखा जाएगा।

- सोशियो इकॉनामिक डेवलपमेंट का ध्यान रखते हुए कार्य योजना तैयार होगा।

- जल प्रदूषण को रोकने के लिए विशेष प्रावधान किया जाएगा।

- नदी में दूषित जल न गिरे इसका विशेष ख्याल रहेगा।

- नदियों में प्राकृतिक जल जीव और किनारे हरियाली को प्रोत्साहित किया जाएगा।

कार्यशाला में प्रदूषण रोकने के अलग अलग विकल्पों पर चर्चा हुयी। साथ ही नदियों के आसपास स्वच्छ वातावरण विकसित करनें की योजनाओं पर चर्चा की गई।

कार्य़शाला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम के बाद सभी पांच नगर निकायों को अपने शहरों में नदी प्रबंधन को लेकर राष्ट्रीय नगर कार्य संस्थान, नई दिल्ली के साथ मिलकर योजना तैयार करेंगे। इन योजनाओं पर केंद्र और राज्य सरकार की टीम की सहमति के बाद संबंधित शहर में नदी प्रबंधन योजना पर कार्य शुरु होगा।

प्रथम चरण में गंगा, दामोदर, खरकई, गर्गा और स्वर्णरेखा को संबंधित शहरों में साफ, हरा-भरा और स्वच्छ बनाया जाएगा। इस योजना की कोशिश है कि शहर में प्रवेश करने से पहले नदी की जो स्थिति है, शहर से बाहर निकलते वक्त भी या तो नदी की सेहत वैसी हीं रहे या फिर पहले से बेहतर हो।

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हिन्दुस्थान समाचार / Vinod Pathak