Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
मुंबई, 02 अगस्त (हि.स.)। भारत के मुख्य न्यायाधीश भूषण गवई ने शनिवार को महाराष्ट्र के नागपुर में कहा कि स्वयं का विकास करते हुए समाज के पिछड़े वर्गों को आगे बढ़ाने के महान विचार भारत रत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ने भारतीयों को दिए हैं। इन विचारों को अपनाकर छात्रों को अपना लक्ष्य प्राप्त करना चाहिए।
मुख्य न्यायाधीश भूषण गवई आज नागपुर में दीक्षाभूमि स्मारक समिति द्वारा संचालित डॉ. आंबेडकर महाविद्यालय के हीरक महोत्सव समारोह को संबोधित कर रहे थे। भूषण गवई ने कहा कि डॉ. आंबेडकर महाविद्यालय की स्थापना और विकास में दादासाहब गायकवाड़, दादासाहब गवई, दादासाहब कुंभारे, सदानंद फुलझेले का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। यह बताते हुए उन्होंने महाविद्यालय की यात्रा की विभिन्न स्मृतियों को साझा किया। उन्होंने कहा कि बाबासाहब आंबेडकर के विचारों को अपनाना और उनके मार्ग पर चलना ही उन व्यक्तियों के लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी, जिन्होंने अपना जीवन डॉ. आंबेडकर महाविद्यालय के लिए समर्पित किया।
उन्होंने यह भी स्मरण किया कि 1981 में धम्म परिवर्तन के रजत महोत्सव वर्ष में जब मुंबई से डॉ. बाबासाहब आंबेडकर की अस्थियां नागपुर आईं, तो यहां की जनता ने उसका उत्साहपूर्वक स्वागत किया, जो इस शहर की सर्वधर्म समभाव की पहचान है। रजत महोत्सव धम्म परिवर्तन समारोह के लिए कवि सुरेश भट द्वारा रचित भीम वंदना का वाचन करके उन्होंने अपने भाषण का समापन किया।
डॉ. आंबेडकर महाविद्यालय ने वंचित समाज के लिए शिक्षा के द्वार खोले : देवेंद्र फडणवीस
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कार्यक्रम में कहा कि बाबासाहब डॉ. आंबेडकर द्वारा अपेक्षित शैक्षणिक दर्जा प्राप्त करते हुए डॉ. आंबेडकर महाविद्यालय ने वंचित समाज के लिए शिक्षा के द्वार खोले और उनके जीवन में परिवर्तन लाया। 60 वर्षों की गौरवशाली परंपरा वाले इस महाविद्यालय ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की यात्रा को विस्तारित कर नई ऊंचाइयों को प्राप्त किया है। यह विश्वास व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने अपेक्षा जताई कि यह महाविद्यालय समाज परिवर्तन का माध्यम बने। उन्होंने कहा कि बाबासाहेब आंबेडकर द्वारा दिए गए समानता का राज्य, अवसर की समानता और प्रत्येक व्यक्ति को सपना देखने का अधिकार और उसे साकार करने की व्यवस्था जैसे विचारों की परंपरा को आगे बढ़ाना आवश्यक है।
इस अवसर पर सामाजिक न्याय मंत्री संजय शिरसाट, मुंबई उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायमूर्ति चंद्रशेखर, दीक्षाभूमि स्मारक समिति के सदस्य डॉ. कमलताई गवई, सुधीर फुलझेले, राजेंद्र गवई, प्रदीप आगलावे आदि लोग उपस्थित थे।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / राजबहादुर यादव