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गुवाहाटी, 2 अगस्त (हि.स.)। विज्ञान भारती के तत्वावधान में शनिवार को गुवाहाटी स्थित बामुनीमैदान के असम प्रदूषण नियंत्रण परिषद सभागार में राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित की जाने वाली विज्ञान-आधारित प्रतिभा खोज परीक्षा से संबंधित एक समृद्ध जानकारी वाली पत्रिका का विमोचन किया गया।
इस कार्यक्रम का आयोजन विज्ञान भारती की उत्तर-पूर्व शाखा नॉर्थ ईस्ट साइंस मूवमेंट द्वारा असम राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग और असम प्रदूषण नियंत्रण परिषद के संयुक्त सहयोग से किया गया।
इस मौके पर विज्ञान भारती के राष्ट्रीय सचिव एवं नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन के निदेशक अरविंद रानाडे ने कहा कि यह केवल एक परीक्षा नहीं है, बल्कि छात्रों के बीच विज्ञान के प्रति रुचि और वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देने का एक प्रयास है।
कार्यक्रम में कटन और प्रागज्योतिष विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. रमेश चंद्र डेका, डॉ. स्मृति कुमार सिन्हा, गौहाटी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. माधुर्य बोरा सहित कई प्रतिष्ठित हस्तियों, शहर के अग्रणी शिक्षण संस्थानों के प्राचार्यों और शिक्षकों ने भाग लिया और अपने विचार साझा किए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता असम प्रदूषण नियंत्रण परिषद के अध्यक्ष ने की, जबकि असम राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य फनींद्र बुजरबरुवा ने अतिथियों का स्वागत कर आयोजन की सराहना की।
उल्लेखनीय है कि यह परीक्षा कक्षा 6 से 11 तक के छात्रों के लिए उनके पाठ्यक्रम के विज्ञान, गणित, सामान्य ज्ञान और आयोजकों द्वारा प्रदान की गई दो पुस्तकों—विश्व सभ्यता में भारतीय विज्ञान का योगदान और एक भारतीय वैज्ञानिक की जीवनी—पर आधारित होगी।
यह परीक्षा 14 भाषाओं में आयोजित की जाएगी, जिसकी शुरुआत ऑनलाइन माध्यम से होगी और फिर क्षेत्रीय, अंचल व राष्ट्रीय स्तर पर मेधा के आधार पर चयन किया जाएगा। सफल छात्र-छात्राओं को पुरस्कार दिए जाएंगे तथा उन्हें भारत की प्रमुख वैज्ञानिक संस्थाओं और प्रयोगशालाओं का भ्रमण करने का अवसर भी मिलेगा।
इस अवसर पर पिछले वर्ष की परीक्षा में राष्ट्रीय स्तर पर द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले कक्षा 8 के छात्र काव्य पोद्दार को सम्मानित किया गया। एनईएसएम के उत्तर-पूर्व सचिव राजीव चंद्र शर्मा ने अक्टूबर-नवंबर में होने वाली इस परीक्षा की सफलता के लिए सभी से सहयोग की अपील की।
हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश