खाद्य आपूर्ति और सार्वजनिक वितरण व्यवस्था में कोई योग्य लाभुक योजना से वंचित नहीं रहे : मुख्य सचिव
रांची,18 अगस्त (हि.स.)। झारखंड की मुख्य सचिव अलका तिवारी ने राज्य के तमाम उपायुक्तों को निर्देश दिया है कि खाद्य आपूर्ति और सार्वजनिक वितरण व्यवस्था में यह सुनिश्चित करें कि कोई योग्य लाभुक योजना से वंचित नहीं रहे। साथ ही मृत लाभुकों को चिह्नित कर उन
मुख्य सचिव बैठक करते


रांची,18 अगस्त (हि.स.)। झारखंड की मुख्य सचिव अलका तिवारी ने राज्य के तमाम उपायुक्तों को निर्देश दिया है कि खाद्य आपूर्ति और सार्वजनिक वितरण व्यवस्था में यह सुनिश्चित करें कि कोई योग्य लाभुक योजना से वंचित नहीं रहे। साथ ही मृत लाभुकों को चिह्नित कर उन्हें प्राथमिकता के स्तर पर हटाएं, ताकि नये लाभुक जोड़े जा सके।

मुख्य सचिव ने सोमवार को कहा कि इस प्रक्रिया में इस पर विशेष रूप से फोकस करें कि डाटा में कोई त्रुटि नहीं रहे। लाभुकों के केवाईसी पूर्ण हों। इसमें कोई समस्या हो, तो उसका परीक्षण करें कि कहां दिक्कत है और उसका समयबद्ध तरीके से निपटारा करें। हर माह इसका भौतिक निरीक्षण करें और रिकार्ड व बुक कीपिंग अपटूडेट रखें। मुख्य सचिव सोमवार को खाद्य आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन में आवश्यक सुधार को लेकर समीक्षा बैठक कर रही थीं।

उन्होंने राज्य के निर्धन लोगों के बीच साल में दो बार धोती-साड़ी वितरण को लेकर यह निर्देश दिया कि इसमें तेजी लाएंं। उड़नदस्ता टीम बनाकर वितरण की जांच करें और यह सुनिश्चित करें कि कहीं कोई अनियमितता नहीं हो। उन्होंने सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के लाभुकों की जागरूकता पर बल देते हुए निर्देश दिया कि यह सुनिश्चित होना चाहिये कि लाभुकों को योजना की मूलभूत जानकारी रहे। इसके लिए होर्डिंग, फ्लैक्स, नुक्कड़ नाटक जैसे हर सक्षम माध्यम का उपयोग करें। उसमें स्थानीय भाषा का प्रयोग करें। लाभुकों को यह हर हाल में पता होना चाहिये कि उन्हें क्या मिलना है, कितना मिलना है, कहां मिलना है और कब मिलना है।

गोदामों को एक्शन प्लान के अनुसार कार्यशील करें

मुख्य सचिव ने राज्य के तमाम गोदामों को समयबद्ध तरीके से कार्यशील करने पर बल देते हुए कहा कि थोड़े प्रयास से सभी गोदामों को कार्यशील बनाया जा सकता है। समीक्षा में पाया गया कि मामूली कमियों के कारण अनेक गोदाम उपयोग में नहीं हैं। इसे देखते हुए निर्देश दिया गया कि उपायुक्त अपने स्तर से इसमें रुचि लेकर गोदामों को उपयोगी बनाना सुनिश्चित करायें। इसके लिए 20 सितंबर तक की समय सीमा तय की गई।

मुख्य सचिव ने कहा कि दिसंबर से धान खरीद की प्रक्रिया शुरू होगी। धान खरीद और उसके संरक्षण को सुगम बनाना है और भुगतान भी त्वरित तरीके से करना है, इसलिए समय रहते कमियों को दूर कर लें। गोदामों के रख-रखाव के साथ वहां मूलभूत जरूरतों को भी पूरा कर लें। सहकारिता विभाग के गोदामों का आकलन कर उसका भी उपयोग करें। स्वीकृत नये गोदामों के निर्माण में तेजी लाने पर भी बल दिया गया।

मुख्य सचिव ने निर्देशों के अनुपालन में फंड की जरूरत होने पर उसका प्रस्ताव विभाग को देने को कहा। उन्होंने कहा कि ससमय खाद्यान्न वितरण उसके ससमय उठाव पर निर्भर करता है, इसलिए उठाव पर पैनी नजर रखें। बताया गया कि इसपर नजर रखने के लिए सेंट्रल कंट्रोल एंड कमांड सेंटर बनाया गया है।

मुख्य सचिव की अध्यक्षता में संपन्न समीक्षा बैठक के दौरान खाद्य सचिव उमाशंकर सिंह और विभाग के अन्य अधिकारी मौजूद थे। वहीं राज्य के सभी उपायुक्त ऑनलाइन जुड़े हुए थे।

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हिन्दुस्थान समाचार / विकाश कुमार पांडे