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रांची, 18 अगस्त (हि.स.)। मुख्यमंत्री उत्कृष्ट विद्यालय कांके मेसरा में आयोजित विगत छह अगस्त से संस्कृत सप्ताह का समापन सोमवार को हुआ। कार्यक्रम के पहले दिन श्रुतिलेख प्रतियोगिता, दूसरे दिन संस्कृत भाषण प्रतियोगिता, तीसरे दिन संस्कृत निबंध प्रतियोगिता, चौथे दिन श्लोक गायन प्रतियोगिता और पांचवें दिन संस्कृत क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इन कार्यक्रमों में लगभग सैकड़ों विद्यार्थियों ने भाग लिया है जिसमें लगभग 40 बच्चों को पुरस्कृत किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पॉलिटेक्निक विश्वविद्यालय बीआईटी की पुस्तकालय अध्यक्षा मृदुला पाठक रहीं। मौके पर विद्यालय के प्रधानाध्यापक ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि मृदुला पाठक ने कहा कि संस्कृत केवल भाषा ही नहीं बल्कि ये हमारी आत्मा है। भारत संस्कृति प्रधान देश है और संस्कृति का प्रादुर्भाव संस्कृत भाषा से ही हुआ है। इसलिए हम सभी को संस्कृत का आदर और इसका सम्मान करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि प्रत्येक विद्यालय में संस्कृत की पढ़ाई प्रारंभिक चरण से ही होनी चाहिए।
संस्कृत पढ़ने वाले विद्यार्थियों की भाषा हाेेेती है शुद्ध
विद्यालय के प्रबंधक ने कहा कि संस्कृत पढ़ने वाले विद्यार्थियों की भाषा शुद्ध और परिष्कृत होती है। संस्कृत पढ़ने वाले विद्यार्थी कोई भी भाषा आसानी से सीख सकते हैं। यह केवल भाषा नहीं हमारी संस्कृति की धरोहर और भारत की पहचान है।
वहीं संस्कृत विद्यालय के प्रधानाध्यापक आनंद प्रकाश मिश्रा ने कहा कि विद्यालय में संस्कृत भाषा के विषय में जो बच्चे अध्ययन कर रहे हैं वे आने वाली पीढ़ियों में निश्चय ही एक नए युग का संचार करने में समर्थ होंगे।
कार्यक्रम का संचालन विद्यालय के संस्कृत अध्यापक डॉ शशिकांत मिश्रा ने किया।
कार्यक्रम में सभी प्रतिभागियों को पुरस्कार दिया गया, उनमें कक्षा 10 वीं की अपर्णा और कृति, कक्षा 11वीं कॉमर्स की श्रुति चौबे, जूही खान और अंजलि, कक्षा आठवीं के शिवम कुमार एवं छठी कक्षा की सिद्धि सौंदर्य शामिल थे।
मौके पर विवेक कुमार पांडे, उमाकांत शर्मा, पंचानंद राय, रंजीत कौशल, कैलाश किशोर महतो, राखी कुमारी, मिथिलेश कुमार पाठक, अपर्णा तिवारी सहित कई शिक्षा और छात्र मौजूद थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / Vinod Pathak