खेलो भारत नीति-2025 देश को खेल महाशक्ति बनाने का संकल्प : मांडविया
नई दिल्ली, 18 अगस्त (हि.स.)। सरकार ने हाल ही में खेलो भारत नीति-2025 का शुभारंभ किया है। पांच प्रमुख स्तंभों पर आधारित इस नीति का उद्देश्य खेलों को न केवल वैश्विक स्तर पर सफलता की राह पर ले जाना है, बल्कि खेलों को समाज, अर्थव्यवस्था और शिक्षा से भी
केन्द्रीय खेलमंत्री डा. मनसुख मांडविया


नई दिल्ली, 18 अगस्त (हि.स.)। सरकार ने हाल ही में खेलो भारत नीति-2025 का शुभारंभ किया है। पांच प्रमुख स्तंभों पर आधारित इस नीति का उद्देश्य खेलों को न केवल वैश्विक स्तर पर सफलता की राह पर ले जाना है, बल्कि खेलों को समाज, अर्थव्यवस्था और शिक्षा से भी गहराई से जोड़ना है।

केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने सोमवार को लोकसभा में लिखित उत्तर देते हुए बताया कि खेलो भारत नीति-2025 का उद्देश्य भारत को न केवल खेल महाशक्ति बनाना है, बल्कि खेलों को समाज के हर वर्ग तक पहुंचाकर उन्हें स्वास्थ्य, शिक्षा और अवसरों से जोड़ना भी है। उन्होंने कहा कि इस नीति से भारत में खेलों के प्रति नई सोच और नई ऊर्जा पैदा होगी। उन्होंने अपने लोकसभा में अपने लिखित जवाब में निम्न बिंदुओं के अंतर्गत खेलो भारत नीति को स्पष्ट किया।

पांच स्तंभ

पहला स्तंभ वैश्विक मंच पर उत्कृष्टता प्राप्त करने पर जोर देता है, जिसमें उन्नत खेल अवसंरचना, प्रतिभा पहचान और अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने की योजना है। दूसरा स्तंभ आर्थिक विकास हेतु खेल है, जो खेलों के जरिये पर्यटन, विनिर्माण और खेल प्रौद्योगिकी उद्योगों को नई दिशा देगा। तीसरा स्तंभ सामाजिक विकास हेतु खेल है, जिसका मकसद खेलों के माध्यम से स्वास्थ्य, शिक्षा और समावेशिता को बढ़ावा देना है। चौथा स्तंभ जन-आंदोलन के रूप में खेल है, जो समुदायों को शारीरिक गतिविधियों से जोड़ने और खेल को सांस्कृतिक आधारशिला बनाने पर केंद्रित है। पाँचवाँ स्तंभ राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप खेल और शिक्षा के एकीकरण पर बल देता है, ताकि छात्रों का सर्वांगीण विकास हो और वे अकादमिक तथा खेल दोनों में उत्कृष्टता प्राप्त कर सकें।

प्रमुख उद्देश्य

नीति में कई ठोस उद्देश्यों का निर्धारण किया गया है। इसमें सभी स्तरों – जमीनी से लेकर एलीट तक – के लिए व्यापक खेल कार्यक्रम स्थापित करना शामिल है। इसके अलावा, विभिन्न स्तरों पर प्रतियोगिताएँ और लीग आयोजित की जाएंगी, ताकि मजबूत प्रतिस्पर्धी ढाँचा तैयार हो सके। शारीरिक साक्षरता पहल को लागू कर देशभर में खेल और फिटनेस की संस्कृति विकसित करने की योजना है। भविष्य के चैंपियन तैयार करने के लिए प्रतिभा पहचान और विकास प्रणाली को मजबूत किया जाएगा। देश के हर हिस्से में खेल अवसंरचना तक समान पहुंच सुनिश्चित करना भी नीति का एक अहम लक्ष्य है। इसके साथ ही खिलाड़ियों के सर्वांगीण विकास के लिए एथलीट-केंद्रित समर्थन प्रणाली और खेल विज्ञान, चिकित्सा तथा नवाचार को बढ़ावा देने का खाका भी नीति में शामिल है।

वित्तीय प्रावधान और क्रियान्वयन

खेलो भारत नीति-2025 के अंतर्गत किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश को प्रत्यक्ष वित्तीय सहायता का प्रावधान नहीं है। यह नीति किसी विशिष्ट वित्तीय दायित्व वाले कार्यक्रम या योजना का प्रस्ताव नहीं करती। इसके क्रियान्वयन के लिए संपूर्ण सरकार और बहु-हितधारक दृष्टिकोण अपनाने की बात कही गई है। नीति के अनुसार ब्लॉक स्तर से लेकर राज्य स्तर तक खेल अवसंरचना का विकास किया जाएगा, जिससे आर्थिक, सामाजिक और भौगोलिक विषमताओं के बावजूद समान अवसर मिल सकें।

प्रतिभा पहचान और विकास

नीति में प्रतिभा खोज और विकास को लेकर विशेष प्रावधान किए गए हैं। इसके तहत राष्ट्रीय खेल महासंघ, राज्य सरकारें, शैक्षणिक संस्थान और निजी संगठन मिलकर एक राष्ट्रीय मंच विकसित करेंगे। यह मंच प्रतिभा पहचान, विकास और निगरानी के लिए सिंगल विंडो सिस्टम की तरह काम करेगा। इसमें शैक्षणिक संस्थानों के साथ समन्वय और खिलाड़ियों के सहज संक्रमण की व्यवस्था भी शामिल होगी।

समावेशी दृष्टिकोण

नीति का एक महत्वपूर्ण पहलू यह है कि इसमें महिलाओं, दिव्यांगों और हाशिए पर खड़े समुदायों की भागीदारी सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया है। इसके लिए समर्पित खेल सुविधाएँ और नियमित लीग प्रतियोगिताएँ आयोजित करने की योजना बनाई गई है।---------------------

हिन्दुस्थान समाचार / सुनील दुबे