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रांची, 17 अगस्त (हि.स.)। झारखंड ऊर्जा विकास श्रमिक संघ ने राज्य सरकार पर रांची के सिकिदरी में स्थित जल विद्युत परियोजना के साथ उपेक्षा करने का आरोप लगाया है। उन्होंने सवाल खड़ा किया कि जब झारखंड के पास अपनी सस्ती और स्वच्छ बिजली उत्पादन की क्षमता है, तो फिर बाहर से ऊंची दर पर बिजली क्यों खरीदी जा रही है?
झारखंड ऊर्जा विकास श्रमिक संघ के अध्यक्ष अजय राय ने रविवार को कहा कि राज्य की एकमात्र चालू सिकिदरी जल विद्युत परियोजना उपेक्षा का शिकार हो चुकी है। उन्होंने कहा कि लगातार बारिश से डैम लबालब पानी से भरा है, लेकिन संयंत्र ठप पड़ा है, जिससे झारखंड को अबतक करीब 6000 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है।
उन्होंने सवाल उठाया कि जब झारखंड के पास अपनी सस्ती और स्वच्छ बिजली उत्पादन की क्षमता है, तब भी राज्य सरकार 5 से 7 रुपये प्रति यूनिट की दर से बाहर से बिजली क्यों खरीद रही है? उन्होंने इसे भ्रष्टाचार, कमीशनखोरी और लालफीताशाही का परिणाम बताया।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 में जब संयंत्र आंशिक रूप से चालू हुआ था, तब उत्पादन लागत महज 0.87 रुपये प्रति यूनिट आई थी, इसके बावजूद इसे बंद रखना राज्यहित के विपरीत है।
अजय राय ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से सीधे सवाल करते हुए कहा कि यदि सरकार ईमानदार है, तो इतने बड़े नुकसान पर चुप्पी क्यों साधी गई है? उन्होंने कहा कि अब मुख्यमंत्री को स्वयं हस्तक्षेप कर निर्णायक कदम उठाना चाहिए।
संघ ने उच्चस्तरीय जांच कर जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई करने और संयंत्र को तत्काल पुनः चालू करने की मांग भी की है।
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हिन्दुस्थान समाचार / Manoj Kumar